छिंदवाड़ा: डीएनए रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्मी को बीस साल की कैद
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। हर्रई थाना क्षेत्र की १४ वर्षीय बालिका को शादी का झांसा देकर उसका शोषण करने के वाले आरोपी को अमरवाड़ा अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सोनी ने दोषी करार दिया है। आरोपी ने पांच साल तक पीडि़ता को अपने पास रखा था। जिससे उसके दो बच्चे हो गए थे। पीडि़ता और उसके माता-पिता ने न्यायालय में अपने बयान बदल दिए थे। न्यायालय ने नाबालिग से जन्में बच्चों के डीएनए टेस्ट के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया है। आरोपी को बीस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार मर्सकोले ने बताया कि १५ अप्रैल २०१५ को १४ वर्षीय नाबालिग घर से स्कॉलरशिप लेने निकली थी, जो वापस नहीं लौटी। नाबालिग को गांव के २५ वर्षीय कन्हैया बंजारा शादी का झांसा देकर अपने साथ ले गया था। पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। शिकायत के लगभग पांच साल बाद १३ जुलाई २०२० को बालिका दस्तयाब हुई थी। इस दौरान उसके दो बच्चे हो गए थे। न्यायालय में विवेचना के दौरान नाबालिग और उसके माता-पिता ने अपने बयान बदल दिए थे। उन्होंने कन्हैया को निर्दोष बताया था। न्यायालय ने नाबालिग से जन्में बच्चे और आरोपी का डीएनए टेस्ट कराया था। टेस्ट के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने आरोपी कन्हैया को बीस साल के कठोर कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। प्रकरण की विवेचना एसडीओपी संतोष डेहरिया द्वारा की गई थी।