इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में अपग्रेडेशन के चलते मैनुअली किए जा रहे रेलवे ट्रेक चेंज
- ओडि़शा के ट्रेन हादसे के बाद इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग को लेकर सतर्क हुआ स्थानीय रेलवे स्टेशन प्रबंधन
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/ पांढुर्ना. इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव के कारण ओडि़शा के बालासोर में ट्रेन हादसा होने की बात सामने आ रही है। घटना के बाद स्थानीय रेलवे स्टेशन प्रबंधन भी सिगनल और ट्रेक इंटरलॉकिंग सिस्टम को लेकर पूरी सावधानी बरत रहा है। क्योंकि तीसरी रेललाइन विस्तार के चलते इन दिनों पांढुर्ना रेलवे स्टेशन के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में अपग्रेडशन का काम किया जा रहा है। जिसको लेकर पांढुर्ना रेलवे स्टेशन के प्रबंधक और अन्य स्टाफ ट्रेन आवागमन को लेकर पूरी निगरानी कर रहे है।
पांढुर्ना रेलवे स्टेशन के अंतर्गत मालगोदाम और रेलवे फाटक के बीच वाले हिस्से में ही ट्रेनों को एक से दूसरे ट्रेक पार करने का इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम मौजूद है। इन दिनों इस सिस्टम में अपगे्रडेशन का काम चल रहा है। ट्रेक की इंटरलॉकिंग इलेक्ट्रॉनिक रूप से नही हो पाने के कारण ड्यूटी पर तैनात स्टेशन प्रबंधक से लेकर अन्य स्टाफ खुद इंटरलॉकिंग सिस्टम के पास पहुंचकर ट्रेक बदले जाने की पुष्टि कर रहे है, जिसके बाद ही ट्रेनों को आगे गुजारा जा रहा है। इस व्यवस्था के लिए स्टेशन परिसर से लेकर रेलवे फाटक तक स्टेशन प्रबंधक व अन्य स्टाफ दौड़-भाग भी कर रहे है। ट्रेन संचालन के हर पहलूओं पर पूरी बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पांढुर्ना रेलवे स्टेशन के सिगनल और कंट्रोल रूम को नए भवन में शिफ्ट किया गया है। ऐसे में नई तकनीकी के अनुसार पुराने रेलवे ट्रैक के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम का अपग्रेडेशन किया जा रहा है। जिसमें फिलहाल काम चल रहा है। इस स्थिति में रेलवे ट्रैक की इंटरलॉकिंग मैनुअल तौर पर करनी पड़ रही है। जिसके बाद ही ट्रेनों को आगे बढ़ाया जा रहा है। अभी करीब चार-पांच दिनों का और काम बाकी रह गया है। जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम ऑन लाइन वर्क करने लगेगा।