ब्लड का संकट: जिला अस्पताल में सिर्फ ४२ यूनिट शेष, ब्लड के दलाल मजबूरी का उठा रहे फायदा
- जिला अस्पताल में सिर्फ ४२ यूनिट शेष, दलाल सक्रिय
- ब्लड के दलाल मजबूरी का उठा रहे फायदा
- एक यूनिट के दो हजार रुपए तक वसूल रहे- फाइल फोटो ब्लड बैंक की
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल इन दिनों ब्लड की कमी से जूझ रहा है। ६०० यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में शनिवार को सिर्फ ४२ यूनिट ब्लड शेष था। गंभीर मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराने स्टाफ को संघर्ष करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल में सक्रिय ब्लड के दलाल इस अवसर का फायदा उठाने कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
ब्लड के लिए परेशान हो रहे लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे दलाल एक यूनिट के दो हजार रुपए तक वसूल रहे है। ब्लड बैंक स्टाफ जब दलालों का विरोध करता है तो वे विवाद पर उतारु हो जाते है। इस संकट से निपटने ब्लड बैंक स्टाफ द्वारा रक्तदान के लिए लोगों से अपील की जा रही है, ताकि ब्लड की कमी से किसी मरीज को जान न गंवानी पड़े।
एनीमिक, सिकलसेल पेशेंट परेशान-
हर ब्लॉक में एनीमिक महिलाओं को चिन्हित कर उन्हें ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। ब्लड की कमी के चलते ऐसी महिलाओं को ब्लड कैसे उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा जिले के सिकलसेल और थैलीसीमिया के मरीजों को भी फ्री ब्लड के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
चार सेंटरों में भी ब्लड की कमी-
जिला अस्पताल के अलावा सौंसर, पांढुर्ना, अमरवाड़ा और परासिया अस्पताल में ब्लड स्टोरेज सेंटर है। जरुरत के आधार पर इन सेंटरों में जिला अस्पताल से ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। ब्लड की कमी के चलते इन सेंटरों में भी पर्याप्त ब्लड नहीं दिया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
सामाजिक संस्थाओं और स्वैच्छिक रक्तदाताओं से अपील है कि वे रक्तदान करें। ताकि जरुरमंद मरीजों को आसानी से ब्लड उपलब्ध कराया जा सके। इसके अलावा ऐसे असामाजिक तत्व जो ब्लड के एवज में रुपए वसूल रहे है उन्हें चिन्हित कर पुलिस कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. एमके सोनिया, सीएस, जिला अस्पताल