छिंदवाड़ा: गोटमार मेले में सुदामा की मौत से उठे कई सवाल
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना. पांढुर्ना शहर की पहचान बना ऐतिहासिक गोटमार मेला इस बार भी गहरा जख्म दे गया। मेले में हजारों लोग मनोरंजन करने आते हैं लेकिन जिन परिवारों का स्थाई नुकसान होता है, उसका दर्द बांटने कोई नहीं आता। शुक्रवार को मेले के दौरान जाम नदी में हजारों लोगों के बीच गुरूदेव वार्ड निवासी सुदामा पिता भोजराज लेंडे देखते-देखते जाम नदी में समा गया। सुदामा को बचाने के लिए किसी ने भी प्रयास नहीं किया, अलबत्ता कुछ लोगों ने उस पर पथराव किया तो कुछ लोग वीडियो बनाते रहे। सबसे अहम बात यह है कि घटना स्थल से महज पांच सौ मीटर दूर अधिकारियों के कैंप में सुदामा के बहने की सूचना सवा घंटे बाद पहुंची।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को लगभग सवा तीन बजे सुदामा बड़ी पुलिया के दूसरी ओर बैठा हुआ था। अचानक उसका पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गया। उसे अच्छी तरह से तैरना भी आता था। वह बड़ी पुलिया से झंडे की ओर पानी के प्रवाह की दिशा में तैरते हुए सावरगांव की ओर नदी के तट पर आने की कोशिश करने लगा। इस दौरान कुछ लोगों ने उसे खिलाड़ी समझकर उस पर पथराव भी किया। दुर्भाग्यवश किनारे तक पहुंचते-पहुंचते उसके सिर पर दो पत्थर लग गए। इसके बाद भी वह झटपटाते हुए एक बार पानी से बाहर निकला और फिर गायब हो गया। सुदामा के शव में सिर पर पत्थरों की मार के दो निशान भी मिले।
कैंप में नहीं आई सूचना
बड़ी पुलिया से लगभग पांच सौ मीटर दूर रामधक्के पर अधिकारियों का कैंप बना था। यहां कलेक्टर-एसपी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सामने ही एसडीआरएफ की एक टीम बोट पर लगातार पेट्रोलिंग कर रही थी। दोपहर तीन बजे से पांच बजे के बीच इस टीम ने दो लोगों को बचाते हुए नदी के तट तक पहुंचाया। लेकिन शाम पांच बजे तक इस कैंप में सुदामा के बहने की सूचना नहीं पहुंची। लगभग सवा पांच बजे सुदामा के बड़े भाई विष्णु लेंडे ने कैंप में पहुंचकर एसडीएम आरआर पांडे सहित अन्य अधिकारियों को सूचना दी। तब तक एसडीआरएफ की टीम व राहत से जुड़े लोगों को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
गोटमार के दिन हुए इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर गोटमार मेले को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। अब लोग खुलकर गोटमार में पथराव की कुरीति को बंद करने की अपील करने लगे है। रविवार और सोमवार को विभिन्न वाट्सएप गु्रपों पर सैकड़ों युवाओं ने गोटमार में पथराव को बंद कर इसे विशुद्ध रूप से सांस्कृतिक व धार्मिक मेले के रूप में मनाए जाने की बात कही है। गोटमार की अगुवाई करने वाले ही कई लोग अब प्रशासन से अपील कर रहे हंै कि गोटमार में पथराव को बंद किया जाए, जिसके लिए अब व्यापक जनसमर्थन भी मिलेगा।