छिंदवाड़ा: हादसे में बिखर गई जिंदगी, गर्भवती महिला की मौत, पति आईसीयू में भर्ती
- हादसे में बिखर गई जिंदगी, गर्भवती महिला की मौत, पति आईसीयू में भर्ती
- आठ माह के गर्भस्थ शिशु की सांस पेट में ही थम गई
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। तेज रफ्तार के कहर ने पटले परिवार की खुशियां छीन ली। बेलगाम कार की टक्कर से गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया, आठ माह के गर्भस्थ शिशु की सांसे पेट में ही थम गई। पैरों में गंभीर चोट लगने से आईसीयू में भर्ती पति की लाचारी ऐसी कि वह पत्नी और होने वाले बच्चे को अंतिम विदाई भी नहीं दे सका।
गौरतलब है कि सोमवार रात ९.३० बजे करीब खजरी रोड रेलवे ओवर ब्रिज पर बेलगाम हैरियर कार क्रमांक एमपी-२८ सीबी-३९३९ के चालक ने स्कूटी सवार दंपति आलोक पटले (३०) और विशाखा पटले (२९) को टक्कर मार दी थी। हादसे के बाद कार सवार आदित्य जैन ने अन्य दो वाहनों को भी चपेट में लिया था। इस हादसे में स्कूटी सवार विशाखा पटले की नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई। विशाखा के पेट में पल रहे आठ माह के गर्भस्थ शिशु की सांसें भी थम गई। हालात ऐसे हैं कि पति आलोक के दोनों पैरों व सिर में गंभीर चोट लगने से वह आईसीयू में भर्तीहै। पत्नी और बच्चे को वह अंतिम विदाई भी नहीं दे पाया। इधर पुलिस विभाग में पदस्थ ममेरे भाई भूपेंद्र तुरकर ने आरोपी कार चालक के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है।
पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
खजरी रोड स्थित एमपीईबी ऑफिस में पदस्थ आलोक पटले मूलत: बरघाट के रहने वाले हैं। दो साल पहले उनकी शादी हुई थी। छिंदवाड़ा में प्रियदर्शनी कालोनी में रहते हैं। मृत पत्नी विशाखा निजी बैंक में जॉब करती थी। पहले बच्चे को लेकर दोनों बहुत खुश थे। विशाखा ने मैटरनिटी छुट्टी ले रखी थी। सोमवार शाम वे पुलिस लाइन की तरफ से अपने घर लौट रहे थे, तभी इस हादसे ने खुशियां छीन लीं।
दो बाइक सवारों को भी टक्कर मार मौके से भाग गया था आरोपी चालक
स्कूटी सवार दंपति को टक्कर मारने के बाद कार सवार ने दो बाइक को भी चपेट में लिया। एक बाइक में सवार परासिया नाका निवासी तनिष्क चौकसे और प्रियांश विश्वकर्मा चोटिल हुए। तनिष्क को गंभीर चोट लगने से नागपुर रेफर किया गया। वहीं एक अन्य बाइक सवार भी इस हादसे में घायल हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो आरोपी कार चालक मौके से भाग निकला था।
१०८, १०० नम्बरों पर कॉल किए, लेकिन मदद के तौर पर एक पुलिसकर्मी पहुंचा
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो हादसे के बाद १०८ पर मदद के लिए कॉल किया गया था, लेकिन कॉल होल्ड पर ज्यादा रखा गया, मदद नहीं भेजी गई, वहीं १०० डायल कर मदद मांगी तो एक पुलिसकर्मी आया जो कि यातायात को दुरुस्त करने में जुट गया। महापौर ने अपने वाहन में घायलों को अस्पताल पहुंचाया।