छिंदवाड़ा: अन्नदूत योजना के नाम पर फिर परिवहन व्यवस्था ट्रांसपोर्टर के भरोसे चल रही

  • अन्नदूत योजना के नाम पर फिर परिवहन व्यवस्था ट्रांसपोर्टर के भरोसे चल रही
  • चंद ठेकेदार जिले भर की सप्लाई संभाल रहे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-12 07:51 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। अन्नदूत योजना के तहत राशन दुकान के पूर्व चपरासी सहित ऊंची दखल रखने वालों को वाहन आवंटित किया गया। वहीं इन हितग्राहियों को ट्रांसपोर्टर बनाकर अतिरिक्त वाहन लगाने की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। बावजूद इसके राशन परिवहन की व्यवस्था लडख़ड़ाई हुई है।

गौरतलब है कि राशन दुकानों में राशन के परिवहन के लिए पहले नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए ट्रांसपोर्टिंग के टेंडर निकाले जाते थे। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने बेरोजगारों को रोजगार से जोडऩे अन्नदूत योजना शुरु की है। जिसके तहत जिले के २८ सेक्टर में से २६ सेक्टर में हितग्राहियों को वाहनों का आवंटन किया गया है। राशन दुकान में चपरासी से दुकान संचालक तक को वाहनों का आवंटन कर दिया गया है। सीमित वाहनों के जरिए पूरे जिले में परिवहन की व्यवस्था बनाने इन हितग्राहियों को अतिरिक्त वाहन लगाने की अनुमति भी दे दी गई है। ऐसे में राशन परिवहन व्यवस्था में गड़बड़ी ठहरने की बजाए बढ़ते जा रही है।

यह भी पढ़े -अपने पांच दिवसीय दौरे पर छिंदवाड़ा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

क्षमता साढ़े सात टन, वाहनों में लोडिंग हो रहा दोगुना तक राशन

अन्नदूत योजना के तहत आवंटित वाहनों की क्षमता साढ़े सात मीट्रिक टन है। लेकिन जिले में संचालित वाहनों में १७ टन तक अनाज लोड कर राशन दुकानों में भेजा जा रहा है। जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी के चलते जिले की सडक़ों पर ओवरलोड वाहन दौड़ रहे हैं।

चंद हाथों में परिवहन की बागडोर

नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए राशन परिवहन व्यवस्था में जुड़े कुछ चेहरों को अन्नदूत के वाहन आवंटित कर दिए गए हैं। अब यही चंद लोग जिले में अतिरिक्त वाहन लगाकर जिले की परिवहन व्यवस्था के ठेकेदार बन गए हैं।

यह भी पढ़े -बत्तीगुल टॉर्च की रोशनी में मरहम-पट्टी, मेंटेनेंस के लिए बिजली आपूर्ति की गई थी बंद

फैक्ट फाइल

- ८५० राशन दुकानें लगभग।

- २८ सेक्टर में से २६ सेक्टर में वाहन वितरित।

- २ सेक्टर में चयन प्रक्रिया दोबारा होगी।

- १४ वाहन अतिरिक्त लगाए गए।

यह भी पढ़े -बत्तीगुल टॉर्च की रोशनी में मरहम-पट्टी, मेंटेनेंस के लिए बिजली आपूर्ति की गई थी बंद

इनका कहना है

परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त करने अतिरिक्त वाहनों को फिलहाल लगाया गया है। हमने जिले में तीन सेंटर बढ़ाने का सुझाव रखा है। तामिया, हर्रई और चौरई में परिवहन सेंटर बनने से स्थिति सुधर जाएगी।

- अजीत कुजूर, जिला आपूर्ति अधिकारी

Tags:    

Similar News