अस्पताल की बत्तीगुल, मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरीजों को दिया इलाज, लिफ्ट में फंसे मरीज
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में रविवार को पूरा दिन बिजली की आंख मिचौली चलती रही। अस्पताल परिसर में लगे ३३ केवी सबस्टेशन से तकनीकि फाल्ट आने से दिन में कई बार बिजली आपूर्ति बंद हुई। इससे इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई। इमरजेंसी यूनिट में सडक़ हादसे में घायल मरीजों की मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में मरहम पट्टी की गई। अचानक बिजली आपूर्ति बंद होने से लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्ट में मरीज व उनके परिजन काफी देर तक फंस रहे। स्टाफ ने काफी मशक्कत के बाद मरीजों को बाहर निकाला।
अस्पताल स्टाफ के मुताबिक गर्मी बढऩे से बिजली का लोड़ बढ़ा है। अचानक लोड़ बढऩे से ३३ केवी सबस्टेशन का फ्यूज उड़ गया था। तकनीकि खराबी आने से दिन में कई बार बिजली आपूर्ति बंद हुई। एमपीईबी की टीम देर शाम तक अस्पताल में रही। टीम ने सब स्टेशन से तकनीकि खामियां दूर कर दी गई थी, लेकिन इंटरनल फाल्ट होने से देर शाम तक ट्रिपिंग की समस्या बनी रही।
आईसीयू मेंं भर्ती मरीजों की आफत-
विद्युत आपूर्ति प्रभावित होने से आईसीयू के उपकरण बंद रहे। आईसीयू में लगे दस में से चार मॉनिटर बंद थे। ट्रिपिंग की वजह से भर्ती मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गनीमत है कि वेंटीलेटर पर कोई मरीज नहीं था। बिजली बंद होने से बच्चा वार्ड में भर्ती बच्चे परेशान होते रहे।
जनरेटर में डीजल का टोटा-
जिला अस्पताल की पांच मंजिला बिल्डिंग में बिजली की आंख मिचौली से मरीज लगभग पूरा दिन परेशान रहे। जनरेटर के माध्यम से विद्युत आपूर्ति बहाल की गई थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन के सामने डीजल की समस्या खड़ी हो गई। प्रबंधन ने मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से संपर्क कर जनरेटर के लिए डीजल की व्यवस्था बनाई है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
सब स्टेशन में तकनीकि खराबी आने से ट्रिपिंग की समस्या आ रही है। जनरेटर से अस्पताल की विद्युत आपूर्ति सुचारू रख रहे है। एमपीईबी की टीम के सहयोग से सुधार कार्य किया जा रहा है।
- डॉ.एमके सोनिया, सीएस, जिला अस्पताल