छिंदवाड़ा: बाघ के शिकारियों को पांच-पांच साल की कैद

  • लावाघोघरी की फॉरेस्ट टीम ने बाघ का शिकार करने वाले शिकारियों की गिरफ्तारी की
  • बाघ के शिकारियों को पांच-पांच साल की कैद

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-14 04:30 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। लावाघोघरी की फॉरेस्ट टीम ने बाघ का शिकार करने वाले शिकारियों की गिरफ्तारी की थी। तंत्र-मत्र के जरिए धनवर्षा कराने आरोपियों ने बाघ का शिकार किया था। इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शिवमोहर सिंह ने आरोपियों को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने आरोपियों को पांच-पांच साल की कैद और २५-२५ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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अभियोजन अधिकारी अभयदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि लावाघोघरी वनपरिक्षेत्र अधिकारी को ३ नवम्बर २०१६ को सूचना मिली थी कि ग्राम बंधान निवासी सोनू पिता कन्हैया, अनिल पिता कन्हैया के पास दो पंजे है। दोनों तंत्र-मंत्र के माध्यम से धनवर्षा कराने तांत्रिक की तलाश कर रहे थे। फॉरेस्ट टीम ने तांत्रिक बनकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उन्होंने बताया कि धनवर्षा के लालच में सिंगारदीप निवासी युवराज पिता शंकर रघुवंशी के साथ मिलकर करंट लगाकर बाघ का शिकार किया था। मृत बाघ के पंजे काटने के बाद आरोपियों ने शव जंगल में दफन कर दिया था। फॉरेस्ट टीम ने आरोपियों की निशानदेही पर बाघ का कंकाल जब्त किया था। इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपियों को दोषी करार दिया है। आरोपियों को पांच-पांच साल की कैद और २५-२५ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।

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