सर्वे में खुलासा: पचास फीसदी भारिया परिवार पक्के मकान से थे वंचित
- पचास फीसदी भारिया परिवार पक्के मकान से थे वंचित
- जनमन योजना में ३ हजार परिवार हुए चिन्हित
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। आदिवासी बाहुल्य जिले की भारिया जनजाति के पचास फीसदी परिवार अब तक पक्के मकानों से वंचित थे। हाल ही में हुए सर्वे में इसका खुलासा हुआ है। हालांकि इन वंचित परिवारों को योजना से जोड़ा जा रहा है।
गौरतलब है कि जिले में भारिया जनजाति के करीब ६ हजार परिवार निवास करते हैं। आवास योजना में इन परिवारों में से महज ५० फीसदी परिवारों को ही पक्की छत बनाने पैसा मिला था। जनमन योजना के तहत हुए सर्वे में खुलासा हुआ है कि जिले के ३,१०० परिवारों को अब तक पक्की छत नहीं मिल पाई थी। शासन ने पक्के मकान से वंचित इन परिवारों में से १,८०० परिवारों के आवेदनों को स्वीकृत किया है। शेष परिवारों के आवेदन भी जमा कराए जा रहे हैं।
फैक्ट फाइल
ञ्च १ लाख ३० हजार मकान सर्वे में कच्चे मिले। (साल २०१७-१८ में)
ञ्च ९२ हजार को लाभ दिया
ञ्च ८८ हजार ने मकान बनाया
ञ्च ६० हजार छूटे परिवारों के नाम वेटिंग में
ञ्च ६ हजार भारिया परिवारों में से ३,१०० परिवार इस योजना थे वंचित
ञ्च १ लाख ९० हजार लाडली बहना आवास के आवेदक भी कतार में खड़े हैं।
डेढ़ लाख से ज्यादा परिवारों को भी पीएम आवास योजना के लाभ का इंतजार
आवास प्लस और लाड़ली बहना योजना के डेढ़ लाख परिवारों को आवास योजना का इंतजार है। फिलहाल पीएम आवास योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। भारिया परिवारों के लिए केंद्र की जनमन योजना पर प्रशासन का पूरा फोकस है।
इनका कहना है
॥जनमन योजना के तहत चिन्हित हुए ३,१०० भारिया परिवारों को पक्के आवास का लाभ दिया जाना है। इनमें से १,८०० हितग्राहियों के आवेदन स्वीकृत हो चुके हैं। शेष के आवेदन भरवाए जा रहे हैं।
- एमआरएस बघेल,
परियोजना अधिकारी