छिंदवाड़ा: जिला जेल में पिता की मौत, मोहलत देकर कड़ी सुरक्षा में बेटों से कराया अंतिम संस्कार
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जानलेवा हमले के मामले में दोषी करार ६९ वर्षीय बुजुर्ग की रविवार रात जिला जेल में मौत हो गई। न्यायिक जांच कर रहे अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पीएम कराया गया। कलेक्टर की अनुमति से दोषी करार बेटों को अंतिम संस्कार की मोहलत दी गई थी।
जानकारी अनुसार साल २०१८ में जानलेवा हमले के मामले में २९ दिसंबर को अदालत ने उमरेठ निवासी पूनाजी पिता अड़किया ओक्टे (६९), उनके दोनों बेटों और समधी को १० साल कैद की सजा सुनाई थी। मेडिकल चैकअप के दौरान पूनाजी ने अस्थमा से ग्रसित होना बताया था। इसी वजह से उसे जेल के मेडिकल वार्ड में रखा गया था। रविवार रात ९ बजे करीब सीने में दर्द होने के बाद उसकी मौत हो गई। न्यायिक हिरासत में हुई मौत के बाद न्यायिक जांच के आदेश दिए गए थे। जांच अधिकारियों की मौजूदगी में प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोमवार सुबह शव का पीएम कराया गया था। कलेक्टर की अनुमति के बाद जेल में बंद दोनों बेटों को अंतिम संस्कार की अनुमति दी गई थी। कड़ी सुरक्षा में बेटों को गृह ग्राम ले जाया गया था।
मजिस्ट्रियल जांच जारी, रिपोर्ट में होगा खुलासा
फिलहाल कैदी की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। मौजूदा चिकित्सकों का अनुमान है कि हार्ट अटैक से मौत हो सकती है। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद मौत के कारणों का होगा खुलासा।
पैरोल के लिए भी किया आवेदन
मृत कैदी के बेटों को भी अदालत ने सजा सुनाई है। कलेक्टर की अनुमति पर दोनों बेटों को अंतिम संस्कार कराने की अनुमति तो मिल गई थी, लेकिन १३ दिनों तक चलने वाले संस्कार के लिए परिजनों ने पैरोल की अपील की है।
इनका कहना है
जेल के मेडिकल वार्ड में भर्ती कैदी की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच जारी है। पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था।
यजुवेंद्र वाघमारे, जेल अधीक्षक