पन्ना: भाजपा केंद्रीय नेतृत्व भी नहीं ढहा पाया नाथ का गढ़

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-04 06:44 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। प्रदेश भर में अपनी जीत का अब तक का सबसे बड़ा डंका बजाने वाली भाजपा इस बार भी कमलनाथ के गढ़ में सेंध नहीं लगा सकी। पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस क्लीन स्वीप करते हुए सातों सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने में सफल रही। प्रदेश भर में लाडली बहना योजना को भाजपा की जीत का बड़ा कारण माना जा रहा है लेकिन यहां उक्त योजना भी बेअसर साबित हुई। बड़ी बात तो यह कि इस बार यहां भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का बड़ा फोकस रहा। भाजपाई राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद सात माह में दो बार यहां आए। गढ़ ढहाने की रणनीति के साथ रैलियां कीं।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, नितिन गडकरी, प्रहलाद पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप वर्मा, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी सहित अन्य नेताओं ने सभाएं की। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप वर्मा यहां करीब महीने भर डेरा डाले रहे। यही नहीं गुजरात की टीम भी यहां उतारी गई। पूर्व सीएम कमलनाथ को घेरने की रणनीति में भी वे काफी हद तक कामयाब रहे, बावजूद इसके कमलनाथ के गढ़ में कमल खिलाने में उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। वहीं कांग्रेस ने कमलनाथ के चेहरे पर पूरा चुनाव फोकस रखा। खुद कमलनाथ यहां छोटी-छोटी करीब १० सभाएं कर पाए। नकुलनाथ और उनकी पत्नी प्रियानाथ ने जरूर सातों सीटों पर कैंपेनिंग का मोर्चा संभाला।

पांढुर्ना जिला भी भाजपा को फायदा नहीं पहुंचा पाया

छिंदवाड़ा। भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ को तोडऩे की रणनीति के तहत ही पांढुर्नावासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करते हुए छिंदवाड़ा से पांढुर्ना को अलग कर नया जिला घोषित किया। कलेक्टर-एसपी पदस्थ किए। सौंसर में हनुमान लोक की घोषणा के साथ काम शुरू कराया, लेकिन न पांढुर्ना जीत पाए और न सौंसर कांग्रेस के हाथ से छुड़ा पाए। फ्रेस चेहरे के तौर पर मजिस्ट्रेट रहे प्रकाश उइके को प्रत्याशी बनाया, लेकिन जीत नहीं पाए। पांढुर्ना के जिला घोषित होने से जागी सौंसर की महत्वाकांक्षा और विरोध के चलते तीन माह पहले अपनी पहली सूची में घोषित प्रत्याशी व कद्दावर नेता नाना भाऊ मोहोड़ को भी हार का मुंह देखना पड़ा।

पार्टी अध्यक्षों का कहना...

प्रदेश में लहर के बावजूद भी हम नहीं जीत पाए। हार को हम स्वीकार करते हैं। विधानसभावार समीक्षा करेंगे। कहां क्या कमियां रहीं उन्हें दूर करने का प्रयास करते हुए अगली लड़ाई की तैयारी करेंगे।

- प्रियवर सिंह ठाकुर, अध्यक्ष, जिला भाजपा

छिंदवाड़ा की जनता ने हमेशा की तरह कमलनाथ पर विश्वास जताया है। दुर्भाग्य से हम प्रदेश में पीछे रह गए। बावजूद इसके अब जनता के हितों के लिए संघर्ष करेंगे। छिंदवाड़ा के विकास के लिए लड़ते रहेंगे। जिले की जनता का धन्यवाद।

- विश्वनाथ ओक्टे, अध्यक्ष जिला कांग्रेस

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