छिंदवाड़ा: गलत इंजेक्शन से क्लीनिक में बुजुर्ग की मौत, डॉक्टर ने बरगी डेम की नहर में फेंका शव
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। अमरवाड़ा के लहगडुआ निवासी ६० वर्षीय पुसू राठौर २ दिसम्बर को घर से इलाज कराने निकले थे। ४ दिसम्बर को बुजुर्ग का शव जबलपुर बरगी डेम के गोकलपुर नहर में मिला था। परिजनों ने संदेह जाहिर किया था कि डॉक्टर ने उनकी हत्या कर शव फेंका है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो मामला खुलकर सामने आया। जांच में खुलासा हुआ कि डॉक्टर ने बुजुर्ग को गलत इंजेक्शन दिया था। जिससे कुछ देर में ही क्लीनिक में बुजुर्ग की जान चली गई। बुजुर्ग की मौत को आत्महत्या बताने डॉक्टर ने अपने भाई और स्टाफ के साथ मिलकर शव बरगी डेम की नहर में ले जाकर फेंक दिया। पुलिस ने डॉक्टर समेत चार लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
टीआई राजेन्द्र धुर्वे ने बताया कि २ दिसम्बर को ६० वर्षीय पुसू पिता श्यामा राठौर सर्दी-खांसी का इलाज कराने अमरवाड़ा में आयुर्वेदिक डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव के क्लीनिक आए थे। डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने इंजेक्शन में कोई दवा भरकर दी। कम्पाउंडर कपिल मालवी ने पुसू को गलत इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही पुसू का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ा और कुछ देर में ही पुसू की मौत हो गई। ६१ वर्षीय डॉ. दीपक श्रीवास्तव ने अपने भाई ५५ वर्षीय देवेन्द्र श्रीवास्तव, कम्पाउंडर कपिल मालवी और प्रदीप डेहरिया के साथ मिलकर शव को नहर में फेंक दिया था। बरगी थाने से मृत बुजुर्ग की मर्ग डायरी मिलने और जांच के बाद पुलिस ने डॉ. दीपक श्रीवास्तव समेत चारों के खिलाफ धारा ३०४, २०१, ३४ के तहत मामला दर्ज किया है।
कार में रखकर ले गए थे शव-
२ दिसम्बर की दोपहर लगभग १२ से १ बजे के बीच बुजुर्ग क्लीनिक पहुंचे थे। गलत इलाज से बुजुर्ग की मौत के बाद शव क्लीनिक में ही रहने दिया। रात में आरोपी डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव ने अपने साथियों के साथ मिलकर शव को कार के पीछे वाली सीट पर रखा और जबलपुर बरगी पहुंचे थे। बरगी थाना क्षेत्र के गोकलपुर जाने वाले मार्ग स्थित नहर में शव फेंक दिया।
आयुष डॉक्टर कर रहे थे एलोपैथिक इलाज-
आरोपी डॉ. दीपक श्रीवास्तव के पास आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज की डिग्री है, लेकिन वे एलोपैथिक पद्धति से मरीजों को इलाज दे रहे थे। पुलिस जांच में सामने आया कि एलोपैथिक पद्धति से दिए गए गलत इंजेक्शन की वजह से ही बुजुर्ग की जान गई है।