छिंदवाड़ा: जिला अस्पताल पुरानी बिल्डिंग डिसमेंटल का ठेका निरस्त, नई मेटरनिटी विंग के लिए करना होगा इंतजार
- जिला अस्पताल पुरानी बिल्डिंग डिसमेंटल का ठेका निरस्त
- नई मेटरनिटी विंग के लिए करना होगा इंतजार
- बिल्डिंग तोडऩे नहीं आया ठेकेदार, पीआईयू ने दोबारा जारी की निविदा
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल मेंं अत्याधुनिक मेटरनिटी विंग का निर्माण कार्य लगातार टलता जा रहा है। दरअसल जिस पुरानी सर्जिकल बिल्डिंग का डिसमेंटल कर मेटरनिटी विंग का निर्माण शुरू होना है। उस बिल्डिंग का ठेका निरस्त हो गया है। इसके लिए पीआईयू ने दोबारा टेंडर निकाला है। इससे यह तय है कि अव्यवस्थाओं के बीच पुरानी गायनिक बिल्डिंग में गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया जाएगा।
गौर करने वाली बात यह है कि मेडिकल कॉलेज से संबद्धता के बाद जिला अस्पताल में सिवनी, नरसिंहपुर और बैतूल से गंभीर अवस्था में गर्भवती महिलाओं को रेफर कर भेजा जा रहा है। इन मरीजों की वजह से गायनिक वार्ड में पेशेंट का दबाव लगातार बढ़ रहा है। जनवरी और फरवरी माह में १ हजार ८८४ गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया हैं। गायनिक वार्ड में औसतन रोजाना ३० से ३५ डिलेवरी की जा रही है और ओपीडी १५० से २०० के आसपास होती है। ऐसे में पुरानी बिल्डिंग में गर्भवती और प्रसूताओं को भर्ती करने जगह नहीं रहती। पेशेंट के बढ़ते दबाव को खत्म करने जिला अस्पताल में नई बिल्डिंग बेहद जरुरी है।
नई मेटरनिटी विंग में मिलेगी यह सुविधा-
अत्याधुनिक मेटरनिटी विंग में मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, प्री एवं पोस्ट लेबर रूम और एएनसी वॉर्ड का निर्माण किया जाना है। पांच मंजिला इमारत में आइसोलेशन वॉर्ड, मेटरनिटी वॉर्ड, पीआईसी, एचडीयू एवं एनबीएसयू की सुविधा रहेगी। पांचवें माले पर शिशुओं के लिए एसएनसीयू रहेगा।
१२० बेड की क्षमता, २०० से अधिक पेशेंट-
जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड की क्षमता १२० बेड की है। ३० बेड का एक अतिरिक्त वार्ड मिलने पर बेड की क्षमता १५० हो पाई है, लेकिन गायनिक वार्ड में रोजाना लगभग २०० गर्भवती महिलाएं भर्ती की जाती है। प्रबंधन द्वारा अतिरिक्त बेड लगाकर पेशेंट के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
ठेकेदार द्वारा अनुबंध न किए जाने पर ठेका फोरफिट करने के साथ ठेेकेदार को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। अब दोबारा नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की जा रही है।
- निलेश गुप्ता, ईई, पीडब्ल्यूडी, पीआईयू