Chhindwara News: सड़क पर खून से लथपथ गौमाता कराहती रही, चिकित्सक पहुंचे लेकिन उपचार नहीं किया
- सडक़ पर खून से लथपथ गौमाता कराहती रही
- चिकित्सक पहुंचे लेकिन उपचार नहीं किया
- नगर निगम का वाहन नहीं पहुंचा
Chhindwara News: माता की तरह पूज्यनीय गााय को सडक़ पर खून से लथपथ अवस्था में देख मौजूदा लोगों की आत्मा तड़प उठी। पशु चिकित्सा और नगर निगम के अफसरों के पास आधा दर्जन लोगों ने फोन लगाए। करीब आधा घंटे बाद एक पशु चिकित्सक पहुंचे लेकिन उपचार नहीं किया। नगर निगम के अफसर वाहन भेजने का आश्वासन देते रहे, लेकिन मदद नहीं मिली। आखिर मौजूदा युवाओं ने ट्रैक्टर किराए पर लेकर घायल गौमाता को पशु चिकित्सालय पहुंचाया। इस घटनाक्रम को देखने वालों में सिस्टम के खिलाफ आक्रोश बता रहा है कि सिस्टम में अभी बहुत खामियां हैं।
प्रत्यक्षदर्शी अदिति शुक्ला ने बताया कि वे एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं। सोमवार दोपहर १.३० बजे करीब वे स्कूल से घर लौट रही थीं। तभी खापाभाट के पास सडक़ पर खून से लथपथ गौमाता को देख वे रुक गई। यहां से गुजरने वाले जिस भी व्यक्ति ने गौमाता को तड़पता देखा वह मदद के लिए रुक गया। लोग पशु चिकित्सक और नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी को फोन लगाते रहे। दोनों विभाग से मदद का आश्वासन मिला लेकिन आधा घंटे तक कोई नहीं आया। जैसे तैसे एक पशु चिकित्सक पहुंचे तो उन्होंने भी उपचार नहीं किया। एक रिटायर्ड चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार किया। मौजूदा युवाओं ने गौमाता की तड़प देख किराए पर ट्रैक्टर की व्यवस्था कर पशु चिकित्सालय पहुंचाया।
सिस्टम में ढेरों खामियां, अफसर मौन
पशु चिकित्सा एंबुलेंस का टोल फ्री नम्बर १९६२ भी पशुओं की मदद के लिए समय पर नहीं पहुंच पा रहा है। ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक घटना स्थल पर पशुओं का उपचार नहीं कर पा रहे हैं। सडक़ों पर आवारा घूम रहे गौवंश को गौशालाओं में पहुंचाने नगर निगम नाकाम है। जिम्मेदार अफसर बीमार पड़ी पशु स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं।
एक माह में हाईवे पर हुए ७० हादस
पशु चिकित्सा एंबुलेंस के रिकार्ड के अनुसार सितंबर माह में हाईवे पर ७० गौवंश हादसे का शिकार हुए हैं। इनमें से १६ को पशु चिकित्सा एंबुलेंस के जरिए चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। शेष को आमजन की मदद से पशु चिकित्सकों ने उपचार दिया।
फैक्ट फाइल
गौवंश- ७ लाख १२ हजार १५७ लगभग
भैंसवंश- १ लाख ७६ हजार ७४ लगभग
शासकीय गौशाला- ३४
इनमें २,९३७ गौवंश
अशासकीय गौशाला- ८ इनमें
१,९१२ गौवंश
१५० रुपए का चार्ज भरने से परहेज
पशु चिकित्सा एंबुलेंस की सुविधा के लिए टोल फ्री नम्बर १९६२ है, लेकिन इस नम्बर पर फोन करने के बाद जो स्वास्थ्य सुविधा मिलती है, उसके लिए १५० रुपए का चार्ज कॉलर को चुकाना होता है। इस वजह से भी पशुओं को तत्काल मदद मिलने में दिक्कत होती है।
इनका कहना है
॥टोल फ्री नम्बर पर कॉल आने के बाद राज्य स्तरीय कॉल सेंटर से कॉल फार्वर्ड होता है। ऐसी कोई भी शिकायत नहीं मिली है कि फीस नहीं चुकाने पर उपचार नहीं मिला हो। इस मामले में किसने लापरवाही बरती है, इसकी जांच कराई जाएगी।
डॉ एचजीएस पक्षवार,
उप संचालक पशु स्वास्थ्य सेवाएं