भंडारा: बीटीबी के खिलाफ हजारों किसान उतरे सड़क पर
- हजारों किसान सड़क पर उतरे
- बीटीबी के खिलाफ हैं किसान
- बीटीबी संस्था पदाधिकारियों पर मामला दर्ज करने की मांग
डिजिटल डेस्क, भंडारा. शहर के जलशुद्धिकरण केंद्र के पास शासकीय जगह पर निजी लोगों द्वारा चलायी जा रही बीटीबी सब्जी मंडी के खिलाफ गुरुवार को हजारों किसानों ने सड़क पर उतरकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। शहर के प्रमुख मार्गों से मोर्चा निकालकर बीटीबी संस्था के पदाधिकारी, नगर परिषद के तत्कालीन अधिकारी व कुछ पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की । बीटीबी मंडी की तत्काल लीज खत्म कर नगर परिषद द्वारा मंडी चलाने की मांग की गई। इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया। यातायात व्यवस्था सुचारु करने के लिए शहर के अंदर स्थित सब्जी मंडी को गांव के बाहर जलशुध्दिकरण केंद्र के पास ले जाने का फैसला लिया गया।इसे महात्मा ज्योतिबा फुले थोक सब्जी मंडी का नाम दिया गया। पर नगर परिषद के कुछ तत्कालीन भ्रष्ट अधिकारी व पदाधिकारियों ने मिलकर इस मंडी को निजी बीटीबी संस्था के हाथों सौंप दिया। उस समय नगर परिषद के कुछ तत्कालीन नगरसेवकों ने इसका विरोध जताया।
किसानों द्वारा जिलाधिकारी को सौपे गए ज्ञापन में बताया गया कि नगर परिषद को तीन वर्षों से अधिक तक जमीन लीज पर देने का अधिकार न होते हुए नियमों का उल्लंघन करते हुए निजी व्यक्ति को लाभ पहुचाने नौ वर्षों के लिए जमीन दी गई। राजनीतिक संरक्षण के चलते बीटीबी संस्था में किसानों व व्यापारियों से अवैध तरिके से लुट की जा रही है। इसके विरोध में गुरूवार को हजारों किसानों ने इकठ्ठा होकर बीटीबी मंडी को नगर परिषद को हस्तांतरित करने की मांग की। इस मोर्चे का नेतृत्व परमानंद मेश्राम, अंकुश वंजारी, नरेंद्र पहाडे, महेंद्र मेंढे, असित बागडे, मनोज बागडे, सुर्यकांत इलमे, दक्षिणा मेंढे, संजय मते, चित्रा निंबार्ते, भाग्यश्री हलमारे, अश्विनी निंबार्ते, नलिनी काले, अतुल रार्घोर्ते, दिलिप मंदुरकर, सुधाकर गोटेफोटे, शशिकला भेदे, अतिक शेख, खालिद शेख, विजु उके, आशिफ शेख आदि ने किया।
यह हैं मांगे
किसानों से अवैध तरिके से वसूली करने वाले बीटीबी संस्था पदाधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाए, बीटीबी हटाकर सब्जी मंडी के प्रवेशद्वार पर महात्मा ज्योतिबा फुले फलक लगाएं, 12 वर्षों की लीज देने की जांच की जाएं, मंडी में जगह देते समय बीटीबी द्वारा 46 व्यापारियों से लिए गए पाच लाख रूपए नगर परिषद को सौपकर करारनामा किया जाए, सब्जी मंडी की तीनों गेट खुली की जाए, किसानों से प्रति बोरा हो रही पांच रुपए वसूली बंद की जाएं, अब तक वसूली गई रकम नगर परिषद को सौंपी जाएं आदि मांगें की गईं।