लोकसभा चुनाव: जनता ने भंडारा – गोंदिया की नब्ज थमाई डॉक्टर के हाथ- 25 साल बाद कांग्रेस ने मारी बाजी
- प्रशांत पडोले पर वोटरों ने जताया भरोसा
- भाजपा के उम्मीदवार सुनील मेंढे की करारी हार
- बागी वाघाए और कुंभलकर किए खारिज
डिजिटल डेस्क, भंडारा. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के गृहजिले में महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार डॉ. प्रशांत पडोले को भंडारा – गोंदिया लोकसभा सीट पर बड़ी जीत मिली है। कांग्रेस उम्मीदवार पडोले ने भाजपा के उम्मीदवार सुनील मेंढे को पराजित किया। कांग्रेस उम्मीदवार को पांच लाख से अधिक वोट मिले हैं। 25 वर्षों बाद वोटरों ने यहां पंजा चुना है। 19 अप्रैल को यहां मतदान हुआ था। इस चुनाव में 18 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। मंगलवार सुबह 8 बजे से पलाडी ग्राम के स्ट्रांग रूम के पास हॉल में वोटों की गिनती शुरू हुई। शुरुआती चार घंटे तक 13 राउंड तक भाजपा के सुनील मेंढे आगे रहे। उसके बाद कांग्रेस को बढ़त मिलती गई। अंतिम बचे कुछ राउंड तक जीत निश्चित नहीं हो पायी थी। लेकिन बाद में डॉ. प्रशांत पडोले ने पांच लाख से अधिक वोट हासिल कर 30 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की। इस दौरान मतगणना परिसर में अलग अलग पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नागरिकों की भीड़ दिखायी दी। महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार डॉ. प्रशांत मौके पर पहंुचे तो गुलाल उड़ाया गया। कांग्रेस ने 25 वर्षों बाद भंडारा – गोंदिया लोकसभा सीट पर कब्जा किया है।
बागी वाघाए और कुंभलकर किए खारिज
इस सीट पर बगावत देखी गई। कांग्रेस के पूर्व विधायक सेवक वाघाये ने टिकट न मिलने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्दलीय चुनाव लढ़ा। वाघाये ने जीत का दावा किया लेकिन वोटों की सूची में पांचवे स्थान पर रहे। सेवक वाघाये 15 हजार वोट भी नहीं ले सके। इसी तरह भाजपा के बागी नेता पूर्व जिला महामंत्री संजय कुंभलकर ने टिकट न मिलने पर बसपा में प्रवेश किया और चुनाव लढ़ा। कुंभलकर 25 हजार से कम वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे। वोटरों ने बागियों को खारिज कर दिया।
बसपा- वंचित का सूपड़ा साफ
बसपा व वंचित बहुजन आघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2019 में बसपा की उम्मीदवार विजया नंदुरकर को 52 हजार वोट मिले थे। पर इस बार बसपा के उम्मीदवार आधे भी वोट नहीं ले सके। यही स्थिति वंचित बहुजन आघाड़ी के संजय केवट की भी दिखी। यहां डॉ. प्रकाश आंबेडकर की सभा हुई थी। लेकिन उनकी सभा का असर नहीं दिखायी दिया। बसपा व वंचित का सूपड़ा साफ हो गया।
अस्पताल की तरह 24 घंटे जनता के लिए उपलब्ध रहूंगा
डॉ. प्रशांत पड़ोले, विजयी उम्मीदवार, महाविकास आघाड़ी के मुताबिक यह जीत मेरी नहीं जनता की हुई है। जिस तरह मरीजों के लिए 24 घंटे अस्पताल में उपलब्ध रहता हूं, उसी तरह से जनता के लिए भी उपलब्ध रहूंगा। इस जनाधार के लिए वोटरों का आभारी हूं।