हंगामा: ट्रैक्टर दो या फिर पैसे वापस करो - 2 सौ किसानों ने कंपनी कार्यालय पर बोला हल्ला

  • 10 माह से सीएसआर फंड से मिलने वाले ट्रैक्टर की प्रतीक्षा
  • जय बिरसा आदिवासी किसान उत्पादक कंपनी के कार्यालय पर हल्ला बोल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-25 13:33 GMT

डिजिटल डेस्क, गोबरवाही (भंडारा). कई महीनों से निजी कंपनियों के सीएसआर फंड से आदिवासी किसानों को दिए जाने वाले ट्रैक्टर नहीं मिलने से 200 से अधिक किसानों ने चिचोली स्थित जय बिरसा आदिवासी किसान उत्पादक कंपनी के कार्यालय पर 24 जून को हल्ला बोल दिया। ट्रैक्टर दो या फिर पैसे वापस करो। ऐसा रुख अपनाने वाले किसानों को आखिरकार दो महीने के भीतर ट्रैक्टर मिलने का आश्वासन मिलने के बाद विरोध समाप्त कर दिया गया।

कंपनी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत बड़ी कंपनियों को सीएसआर यानी सामाजिक उत्तरदायित्व योजना के अंतर्गत फंड खर्च करना होता है। सीएट टायर और एसबीआई कंपनी के माध्यम से दूर दराज के इलाकों में आदिवासी किसानों के विकास के लिए सब्सिडी के आधार पर ट्रैक्टर उपलब्ध कराने की योजना है। यह योजना तुमसर तालुका के लेंडेझरी में जय बिरसा आदिवासी किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।

आदिवासी किसानों से 1 लाख 30 हजार रुपये और ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन की लागत लेकर उन्हें नया ट्रैक्टर दिया जा रहा है। लेकिन आवश्यक पेमेंट करने के बावजूद भी 10 महीने से किसानों को ट्रैक्टर नहीं मिलने पर भंडारा और नागपुर जिले के विभिन्न तालुका से आए 200 से अधिक किसानों ने कंपनी के चिचोली कार्यालय पर हल्ला बोल कर दिया।

इस अवसर पर तुमसर कृषि उपज मंडी के संचालक किरण अतकरी, डॉ. हरेंद्र राहंगडाले समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। इससे कुछ देर के लिए तनावपूर्ण स्थिति की तस्वीर सामने आई। जय बिरसा कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मारुति नेताम ने कहा कि, हम ट्रैक्टर देने वाले हैं सीएसआर फंड के माध्यम से इस योजना को क्रियान्वित कर रहे हैं।

647 आदिवासी किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से 248 किसानों को ट्रैक्टर का लाभ भी दिया जा चुका है। कुछ प्रशासनिक विलंब के कारण यह अभी नहीं दिया जा सका है। लेकिन बाकी किसानों को भी ट्रैक्टर दिए जाएंगे। किसानों के साथ धोखा नहीं किया जाएगा। जिसके पश्चात किसान शांतीपूर्व लौट गए।

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