भंडारा: बाढ़ से हुए नुकसान का पंचनामा कर मुआवजा दें, तहसील कार्यालय पहुंचकर सैकड़ों किसानों ने की मांग
- बैकवॉटर से किसानों की फसलों को नुकसान
- तहसील कार्यालय पहुंचकर सैकड़ों किसानों ने की मांग
डिजिटल डेस्क, लाखांदुर (भंडारा). वैनगंगा तथा चुलबंद नदी में 17 सितंबर को आई बाढ़ में सोनी तहसील के तहत सोनी, केसरी, रयत खालसा, एवं आवड़ी पटवारी साझे के तहत फसलों का नुकसान हुआ। इस नुकसान का पंचनामा कर तुरंत मुआवजा प्रदान करने की मांग चार से पांच गांवो के सैकड़ों किसानों ने तहसीलदार को की। बुधवार 20 सिंतबर को सैकड़ों किसान तहसील कार्यालय पर आ धमके। साथ ही पंद्रह दिनों के भीतर समस्याएं हल न करने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी किसानों ने मुख्यमंत्री को तहसीलदार के माध्यम से दिए गए ज्ञापन द्वारा की है। जिले में वैनगंगा नदी में 17 सितंबर को जो बाढ़ आई उसके कारण चुलबंद नदी तट के गांवों में लहराने वाली फसलों को भी क्षति पहंुची। सोनी पटवारी साझा के तहत सोनी, केशरी रयत, केशरी खालसा एवं सोनी (निवासी), आवड़ी ग्राम परिसर के कुछ दिनों में कटाई के लिए आने वाले धान तथा सब्जियों के फसलों का पूरी तरह से नुकसान हुआ। पिछले चार वर्ष से गोसीखुर्द बांध के नियोजनशून्य नीति के कारण सूचना न देते हुए पानी छोड़ा गया।
अब 17 सितंबर को आई बाढ़ के कारण इस बार भी फसलों का नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार तुरंत इस समस्या का कुछ हल निकाले और पंचनामा कर मुआवजे जल्द प्रदान करने की मांग ज्ञापन द्वारा किसानों ने तहसीलदार वैभव पवार से की।
यह है किसानों की अन्य मांगें
गोसीखुर्द बांध के कारण बैकवॉटर से हमेशा ही किसानों की फसलों को नुकसान होता है। ऐसे में हमेशा नुकसान का सामना करने वाले खेतों का पुनर्वसन करे। प्रति वर्ष किसानों को एक लाख तक का मुआवजा दे। सोनी के किसानों को सौ प्रतिशत नुकसान भरपाई प्रदान करे। कृषि पंप को 24 घंटे बिजली प्रदान करे। ऐसी मांगो का ज्ञापन में समावेश है।