भंडारा: जिला परिषद का बजट - इस बार निर्माण और शिक्षा विभाग को मिली सर्वाधिक निधि
- बजट में सर्वाधिक निधि का प्रावधान
- निर्माण और शिक्षा विभाग को मिली सर्वाधिक निधि
डिजिटल डेस्क, भंडारा. जिला परिषद भंडारा का वर्ष 2024–25 का बजट उपाध्यक्ष तथा वित्त सभापति संदीप ताले ने बुधवार 14 फरवरी को प्रस्तृत किया। इस बजट में सर्वाधिक निधि का प्रावधान निर्माण विभाग को किया गया। निर्माण विभाग के लिए एक करोड़ पांच लाख रुपए दिए गए हैं। इसके बाद सर्वाधिक निधि शिक्षा विभाग को दी गई है। इस विभाग को एक करोड़ दिए गए हैं। वहीं सबसे कम 30 लाख की निधि पशुसंवर्धन विभाग को मिली है। प्रत्येक जिला परिषद क्षेत्र के लिए प्रति दो लाख रुपए निधि का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2024–25 में राजस्व खर्च आठ करोड़ 40 लाख 70 हजार तथा भांडवल खर्च पांच करोड़ 60 लाख 10 हजार 700 रुपए हैं। जिला परिषद के प्रस्तृत बजट में उपाध्यक्ष तथा अर्थ सभापति संदीप ताले ने अलग-अलग विभागों के निधि मंजूर की है। साथ ही पेयजल आपूर्ति विभाग अंतर्गत शुरू मरम्मत काम के लिए अलग से अंदाजपत्रक मंजूर किए जाने की जानकारी ताले ने दी। इसी तरह शासकीय विभाग की योजना चलाने के लिए तीन करोड़ 72 लाख 50 हजार रुपए का प्रावधान किया गया है। पेयजलापुर्ती योजनाओं के मरम्मत के लिए तीन करोड़ 93 लाख रुपए का अलग से अंदाजपत्रक तैयार किया गया है।
जबकि जिला परिषद को मिलने वाले राजस्व से निर्माण विभाग को एक करोड़ पाच लाख, शिक्षा विभाग को एक करोड़, ग्रामपंचायत विभाग को 13 लाख 70 हजार, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को 60 लाख, महिला व बालकल्याण विभाग को 35 लाख तथा समाज कल्याण विभाग को 88 लाख का निधि मंजूर किया है।
इसी तरह कृषि विभाग के लिए 50 लाख का प्रावधान किया गया है। पशु संवर्धन विभाग के लिए सबसे कम 30 लाख रुपए आरक्षित रखे है। वहीं लघु सिंचाई विभाग के लिए 35 लाख, सामान्य प्रशासन विभाग को प्रशासकीय खर्च के लिए एक करोड़ 92 लाख रुपए दिए गए है। वित्त विभाग के लिए 40 लाख का प्रावधान किया गया है। शिक्षा विभाग के सभापति रमेश पारधी ने विभाग को मिली निधि को लेकर संतुष्टी व्यक्त की है।
दिव्यांगों के लिए 8.50 लाख : समाज कल्याण विभाग के तहत वर्ष 2023 – 24 में दिव्यांगों के लिए 12 लाख 50 हजार रुपए का प्रावधान था। वर्ष 2024 – 25 के लिए आठ लाख 50 हजार रुपए का प्रावधान है।
इस तरह मिलेगा जिप को राजस्व : सामान्य उप कर से तीस लाख, वृध्दिगत उप कर से 30 लाख, स्थानीय उप कर के अनुदान से तीस लाख, मुद्रांक शुल्क से दो करोड़, पेयजल कर से 20 लाख, बैंक में रखे रकम पर ब्याज के रूप में तीन करोड़ 20 लाख, अलग-अलग इमारत के किराएं से 28 लाख, वन राजस्व के लिए शासन का अनुदान दस लाख रुपए मिलेगा।
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आक्रामक नजर आए पदाधिकारी : सदन में बजट सत्र एक घंटे के लिए चला। इस दौरान जिला परिषद सदस्य ने अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार के मुद्दे उपस्थित किए। इस पर जिला परिषद के उपाध्यक्ष संदिप ताले ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों के प्रति नाराजी व्यक्त की। ताले ने रोष व्यक्त करते हुए फाइले भी झटकी।
बीओटी से काम करने के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित : अब जिला परिषद की इमारतों का बीओटी पध्दति से काम नहीं होगा। इसे लेकर जिला परिषद में सदस्यों द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया। बता दे कि हाल हि लाल बहादुर शास्त्री विद्यालय का बीओटी पध्दति से काम किया गया। बीओटी पध्दति रद्द किए जाने से अब निर्माण कार्य खुद जिला परिषद करेगी। साथ ही डिपॉजिट की राशि भी जिला परिषद के पास जमा रहेगी।