भंडारा: धानोरी की गौशाला में भूख-प्यास से व्याकुल 40 गौवंश ने एक के बाद एक तोड़ा दम

  • पुलिस ने किए थे जब्त
  • एक के बाद एक दम तोड़ते गए मवेशी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-07 12:44 GMT

डिजिटल डेस्क, पवनी (भंडारा). गड़चिरोली जिले के कुरखेड़ा पुलिस द्वारा दो ट्रक व दो पिक वाहनों पर कार्रवाई कर पवनी तहसील के धानोरी की गौशाला में दिए गए गौवंश में से 40 की भूख–प्यास से दर्दनाक मौत हो गई। जबकि 25 मवेशी मौत से जूझ रहे हैं। घटना बुधवार 6 मार्च को सुबह सामने आने पर पवनी पुलिस ने अन्य गौवंश के बचाव व तलाश कार्य शुरू किया। गौशाला चलाने वाले व्यक्ति ने मवेशी को खेतों में पानी व चारे अभाव में आवारा छोड़ दिया था। पुलिस प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार 5 मार्च को कुरखेड़ा की पुलिस टीम ने कत्तलखाने जा रहे दो ट्रक व दो वाहनों को पकड़ा।

इसकी जानकारी पवनी के विसर्जन चौसरे को मिली तो उसने थाने में पहुंचकर अपनी गौशाला होने की बात कहते हुए लगभग 100 गौवंश को अपने कब्जे में मांगा। यह गौवंश गौशाला के नाम पर धानोरी के वन विभाग के बिट क्रमांक 232 के पास मंगलवार शाम 6 बजे लाकर छोड़े गए, लेकिन गौवंश के चारे व पानी की व्यवस्था नहीं की गई। परिणामवश एक के बाद एक 40 मवेशी ने मौके पर दम तोड़ दिया। घटनास्थल पर चारों और मृत जानवर नजर आने लगे। 25 जानवर मौत से जूझ रहे हैं। इनके इलाज का कार्य पशुवैद्यकीय अधिकारी भोयर, उनकी टीम व स्थानीय नागरिक कर रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पवनी पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक नरेंद्र निस्वादे के मार्गदर्शन में गौशाला संचालक विसर्जन चौसरे को हिरासत में लिया गया। देर शाम तक इस घटना में मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू थी। सभी मृत जानवरों को मिट्टी में दफन किया गया। जबकि बाकी 25 गौवंश को साकोली तहसील के बरडकिन्ही के ज्ञान फाउंडेशन गौशाला को सौंपा गया। वहीं खुले छोड़े गए अन्य मवेशियों की पुलिस तलाश कर रही है।

विहिंप के कार्यकर्ताओं ने की पशुओं की सेवा

खेत में गंभीर अवस्था में पड़े कई भूखे–प्यासे गोवंश को जीवनदान देने का कार्य सामूहिक तौर पर किया गया। इसमें प्रमुख भूमिका विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने निभायी। जिला मंत्री डा. राकेश सेलोकर, जिला संयोजक विकास पडोले, नगर अध्यक्ष शुभम पेटकर, सौरभ बांगरे, ओम परिहार, नीलेश मानकर, कमलेश पचारे, सौरभ खांदाडे, रोशन नकवा, यश वैद्य, आकाश हटवार, शुभम पारधी, अमोल लांजेवार आदि विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने जानवरों के लिए चारा व पानी मुहैया कराया। मृत जानवरों के दफन प्रक्रिया में योगदान दिया।

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