जलपर्यटन: मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा - जल पर्यटन से हजारों हाथों को मिलेगा स्थायी रोजगार

  • 200 करोड़ से अंतरराष्ट्रीय स्तर का जल पर्यटन स्थल बनेगा
  • जुमदेव बाबा की जयंती पर अवकाश होगा
  • अजित गुट, भाजपा के नेता सभा से नदारद

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-25 11:34 GMT

डिजिटल डेस्क, भंडारा. वैनगंगा नदी जिले की लाइफ लाइन है। इसका लाभ उठाते हुए गोसीखुर्द प्रकल्प के पास 102 करोड़ रुपए की लागत से जलपर्यटन विकसित किया जा रहा है। इसे बनाने में लगभग 200 करोड़ खर्च होंगे। इसके माध्यम से हजारों लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा। पर्यटक आएंगे तो होटल खुलेंगे। जलपर्यटन के माध्यम से जिला विकास की दिशा में रफ्तार पकड़ेगा। यह बात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भंडारा के खात रोड़ के रेलवे मैदान पर आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम के बाद हुई सभा में कही।

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा विकास कार्य करने वाले जनप्रतिनिधि को चुनना लोगों का काम है। भंडारा की जनता ने विकास कामों के लिए निधि लाने वाले नरेंद्र भोंडेकर को चुनकर क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया। मुख्यमंत्री ने कहा नियमित कर्ज भरने वाले 43 हजार 700 किसानों को 50 हजार रुपयों का अनुदान दिया जा चुका है। बाकी बचे किसानों को भी इसका लाभ देंगे। किसानों को उनके हाल पर नहीं छोड़ेंगे। भले ही राज्य में महाविकास आघाड़ी की सीटें बढ़ी हो पर महायुति व महाविकास आघाड़ी को समान वोट मिले हैं। इससे यह स्पष्ट है कि राज्य की जनता महायुति के साथ है।

जुमदेव बाबा की जयंती पर अवकाश होगा

मुख्यमंत्री ने कहा जुमदेव बाबा के सेवक लंबे समय से बाबा की जयंती पर 3 अप्रैल को अवकाश घोषित करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को जल्द पूरा करेंगे। मंच पर विधायक नरेंद्र भोंडेकर, डॉ. अश्विनी भोंडेकर, शिवसेना नेता किरण पांडव, अनिल गायधने, पुलिस महानिरीक्षक छेदिंग दोरजे, जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर, जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी जि. प. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समीर कुर्तकोटी उपस्थित थे।

अजित गुट, भाजपा के नेता सभा से नदारद

सभा में महायुति के मित्र पक्षों के नेता नदारद रहे। भाजपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस के अजित गुट के प्रमुख नेताओं में से एक भी व्यक्ति मंच पर नहीं पहुचा। पालकमंत्री डॉ. विजयकुमार गावित भी नहीं थे। राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल, विधायक राजू कारेमोरे, अजित गुट के जिला अध्यक्ष नाना पचंबुध्दे मंच पर नहीं थे। इसी तरह पूर्व सांसद सुनील मेंढे, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश बालबुधे, पूर्व विधायक डॉ. परिणय फुके भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

प्रकल्पग्रस्त ने की सभा में

घुसने की कोशिश

मुख्यमंत्री की सभा में गोसीखुर्द प्रकल्पग्रस्त ग्रस्त व्यक्ति ने घुसकर नारेबाजी करने की कोशिश की। लेकिन मौके पर तैनात भंडारा के थानेदार गोकुल सूर्यवंशी और उनके दल ने प्रदर्शनकर्ता को पकड़ लिया और बाहर लेकर गए। जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मौके पर मौजूद सभी के पहचान पत्र जांचे। जिनके पास पहचान पत्र नहीं था, उन्हें बाहर भेजा गया।

यह देने वाली सरकार है

मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि, महायुती सरकार ने पिछले दो वर्षों में कई बड़े फैसले लिए। महिलाओं को एसटी बस में टिकट में 50 प्रतिशत की छूट दी गई। केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार ने किसानों को वर्ष में छह हजार रुपए देने शुरू किए। एक रुपए में फसल बीमा देने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बना। अब किसानों को बिजली समस्याओं को छुटकारा देने सोलर पर कृषि फीडर लगा रहे हैं। शिंदे ने कहा यह देने वाली सरकार है। ओबीसी के विकास के लिए अलग से निधि देंगे। पर मुद्दे न होने से विरोधी केवल संविधान खतरे में है यह संभ्रम फैलाने में जुटे हैं।

जिले के नेता 4 बार विधायक रहे, सीएम को नहीं ला पाए: भोंडेकर

विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने कांग्रेस नेता नाना पटोले पर जमकर तंज कसा। भोंडेकर ने कहा कि जिले के कुछ नेता तीन से चार बार विधायक रहे। उनके मुख्यमंत्री भी राज्य में थे। पर वह कभी मुख्यमंत्री को जिले में नहीं ला सके। विकास कामों के लिए निधि भी नहीं मांगी। भोंडेकर ने कांग्रेस पार्टी की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। विधायक ने कहा कि जब वह दूसरी बार विधायक बने तो क्षेत्र के लिए कुछ अलग तरीके से काम करना चाहते थे। जिले में उद्योग की कमी है पर जल पर्यटन की भरपूर संभावना है। इस लिए जल पर्यटन प्रकल्प लाने के लिए परिश्रम किया। मुंबई में जाकर लगातार कई चक्कर काटे। भोंडेकर ने पटोले पर तंज कसते हुए कहा कि मुंबई में जाकर सोना ो पड़ता। लगातार घूमना पड़ता है। तब जाकर गोसीखुर्द बांध पर 200 करोड़ रुपयों का जल पर्यटन प्रकल्प साकार होने जा रहा है। वाले विधानसभा चुनाव में जिले की तीनों सीटों पर महायुति के विधायक रहेंगे।

 परियोजना की शिला से जलसंसाधन मंत्री देवेन्द्र फडणवीस का नाम गायब

गोसीखुर्द बांध के बैकवॉटर में वैनगंगा नदी तट पर जल पर्यटन परियोजना का भूमिपूजन हुआ। किंतु इसकी शिला से उपमुख्यमंत्री तथा जलसंसाधन मंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम नहीं होने के कारण अब तरह तरह की चर्चाओं को हवा मिली है। महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल और जलसंधारण विभाग की यह संयुक्त परियोजना है। जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम उसके पश्चत पालकमंत्री डॉ. विजयकुमार गावित का नाम, उद्योग मंत्री उदय सामंत का नाम भी दिखाई दे रहा था। पर्यटन विभाग के सचिव एवं जलसंसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का नाम भी था। जिले के सांसद, विधायक से लेकर अन्य जनप्रतिनिधियों के नाम भी लिखे गए। पर जलसंधारण मंत्री फडणवीस का नाम नहीं था। इसका कारण क्या है? नाम नहीं लिखने की गलती प्रशासन की है या फिर जान बूझकर नाम नहीं लिखा गया। इस बात की चर्चाएं हैं।

सीएम की वीडियो बनाने की कोशिश में मीडियाकर्मियों की बोट पलटने से बची

वैनगंगा नदी पर कारधा में जल पर्यटन के कामों का भूमिपूजन करने पहंुचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बोट चलाने की इच्छा व्यक्त की। मुख्यमंत्री की बोट चलाते हुए वीडियो बनाने की कोशिश में मीडियाकर्मियों की बोट अनियंत्रित हो गई। इस घटना में बोट पर लगा सोफासेट पानी में गिर गया। बोट चालक गोविंद खवणेकर की सर्तकता से कोई भी पत्रकार पानी में नहीं गिरा। खवणेकर ने सभी पत्रकारों को तय जगह पर बैठने के लिए कहा, लेकिन इस समय बड़ा हादसा होते होते टला। एक बोट में मुख्यंत्री एकनाथ शिंदे, जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर व अन्य अधिकारी समेत कुल आठ लोग सवार थे। मुख्यमंत्री के कहने पर दूसरी बोट में कुछ पत्रकारों को दूसरी बोट में जल सफारी के लिए साथ लिया गया। पानी के अंदर मुख्यमंत्री शिंदे ने बोट चलाने की इच्छा व्यक्त की। इस समय मुख्यमंत्री का वीडियो बनाने सभी मीडियकर्मी एकसाथ बोट में खड़े हुए। जिससे बोट अनियंत्रित हो गई और एक सोफासेट नीचे गिर गया। घटना के दौरान कुछ पलों में जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी मिलते ही वह भी बोट से मौके पर पहंुचे। घटना को लेकर सोशल मीडिया व टीवी पर भ्रमित करने वाली खबरें फैलायी गई। जिसका जिला पुलिस अधीक्षक लोहित मतानी ने बयान जारी कर खंडन किया।





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