बालाघाट का राजनीतिक परिदृश्य: लांजी और वारासिवनी में भाजपा के पूर्व विधायकों ने संगठन के खिलाफ खोला मोर्चा
- सम्मेलन के जरिये शक्ति प्रदर्शन और बैठकों में बन रही विरोध की रणनीति
- लांजी में हुई असंतुष्ट भाजापाइयों की जनआशीर्वाद सभा
डिजिटल डेस्क, बालाघाट। 2018 के चुनाव में 3 से 2 सीट पर सिमटी भाजपा में इस बार भी असंतोष थमने का नाम नहीं ले रहा। लांजी से शुरू हुई बगावत कटंगी होते हुए वारासिवनी तक पहुंच चुकी है। लांजी में पहली सूची आने के साथ मुखर हुए विरोध के स्वर अब असंतुष्टों के सम्मेलन में बदल चुके हैं। गुरूवार को टिकट न मिलने से खफा पूर्व विधायक रमेश भटेरे ने जन आशीर्वाद सभा के जरिये शक्ति प्रदर्शन किया। इसके जरिये उन्होंने यह संकेत दे दिए कि ‘चुनाव तो वे लड़ेंगे’ कटंगी में भाजपा के पूर्व सांसद तथा विधायक बोध सिंह भगत तो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। बचा वारासिवनी तो वहां कांग्रेस के बागी विधायक प्रदीप जायसवाल को पार्टी में शामिल किये जाने के साथ ही पूर्व विधायक डॉ. योगेन्द्र निर्मल और उनके समर्थक विरोध की रणनीति बनाने और उसे अमली जामा पहनाने लगातार बैठकें कर रहे हैं। गुरूवार को भी रायशमारी करने डॉ. निर्मल ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, यहां असंतुष्ट टिकट फाइनल होने का इंतजार कर रहे हैं।
इंतजार तो बालाघाट में भी हो रहा
बालाघाट के भाजपाई जिला मुख्यालय वाली इस सीट पर भी टिकट फाइनल होने का इंतजार कर रहे हैं। विधायक गौरीशंकर बिसेन की पांच दिन से फील्ड में बढ़ी सक्रियता से बढ़े हौसले गुरूवार को थोड़े कम बढते दिखे, जबकि पिता की जगह बेटी मौसम को प्रत्याशी बनाये जाने की जोरदार हवा चली। दरअसल, यहां भी शहर ही नहीं जिला भाजपा का एक धड़ा गौरीशंकर की जगह उनकी बेटी मौसम का प्रतिनिधित्व स्वीकारने तैयार नहीं है। प्रदेश संगठन यहां के बारे में इसलिए पशोपेश में है क्योंकि यहां और इससे पहले लांजी में कांग्रेस महिला कार्ड खेल चुकी है।