शरद पवार को कृषिरत्न पुरस्कार: बीज उत्पादन में नई तकनीक विकसित करना जरूरी: गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा, कृषि क्षेत्र में जितना डॉ. पंजाबराव देशमुख का योगदान था, उतना ही महाराष्ट्र में शरद पवार का है
डिजिटल डेस्क, अमरावती। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि देश के पहले कृषि मंत्री डॉ. पंजाबराव देशमुख ने हमेशा ही ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले किसानों की प्रगति करने, ग्रामीण क्षेत्र तक शिक्षा को पहुंचाने का लक्ष्य रखा। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्र में कृषि उद्योग जितना होना था, उतनी प्रगति नहीं कर पाया। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के अनेक लोग शहरी क्षेत्र में आने लगे। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए बीज उत्पादन में नई-नई तकनीक को विकसित करना समय की जरूरत है। कृषि क्षेत्र में जितना डॉ. पंजाबराव देशमुख का योगदान था उतना ही योगदान महाराष्ट्र में शरद पवार का है।
गडकरी ने कहा कि इस कारण आज डॉ. पंजाबराव देशमुख की 125वीं जयंती उत्सव पर दिए जानेवाला पहले कृषिरत्न पुरस्कार से शरद पवार को सम्मानित करते हुए हर्ष हो रहा है। गडकरी ने कहा कि डॉ. पंजाबराव देशमुख के मन में ग्रामीण क्षेत्र व किसान को मजबूत करने काफी जिद थी। इस कारण उन्होंने शिक्षण संस्था के माध्यम से समाज व्यवस्था को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में प्रयास किए। शिक्षा से व्यक्ति शिक्षित बनता है और उससे समाज व्यवस्था व आर्थिक व्यवस्था मजबूत बनती है। डॉ. पंजाबराव देशमुख ने शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों को शिक्षा के प्रवाह में लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। कृषि क्षेत्र में काम करने के साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता भी कायम रखी थी। यही कार्य पश्चिम महाराष्ट्र में रयत शिक्षण संस्था के माध्यम से शरद पवार कर रहे हैं।
विदर्भ में प्रक्रिया करनेवाले उद्योग लगें
गडकरी ने कहा कि वर्तमान में कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीक को विकसित करना समय की जरुरत है। विदर्भ में खाद, बीज तथा खेती पर आधारित उत्पादन पर प्रक्रिया करनेवाले उद्योग स्थापित हुए तो किसान मजबूत होगा। इस समय मंच पर सांसद नवनीत राणा, विधायक सुलभा खोडके, विधायक अनिल देशमुख, विधायक किरण सरनाईक, शिवाजी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख उपस्थित थे।