संस्कृति का जतन: अमेरिका में मनाता हूं रक्षा बंधन व होली: हैरिस
विदेशी नागरिकों पर भारतीय संस्कृति के प्रभाव पर वाॅशिंगटन डीसी से आए हैरिस ने कहा
डिजिटल डेस्क, अमरावती। मैं अपने माता-पिता की अकेली संतान हूं। मेरा कोई भाई या बहन नहीं है। ऐसे में जब मुझे रक्षाबंधन (राखी) त्योहार के बारे में जानकारी हुई तो मुझे उसे मनाने की उत्सकुता हुई। अमेरिका में भी मैं राखी के त्योहार को मनाता हूं। साथ ही होली का त्योहार भी बहुत पसंद है। अपने देश में होली खेलता हूं। हाल ही में गरबा भी सीख लिया है। यह बात अमेिरका के वाॅशिंगटन डीसी से आए विल्यम हैरिस ने कही। वह विल पॉवर की पत्रकार परिषद में मंगलवार को होटल ग्रांड महफिल में विदेशी नागिरकों पर भारतीय संस्कृति के प्रभाव के बारे में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि वह 2 नवंबर को तिवसा स्थित गुरुकुंज मोझरी में राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज के पुण्यतिथि महोत्सव में शामिल होने के लिए जाएंगे।इस अवसर पर उनके साथ मेरीलैंड से आए कैंडिस व्हिटेकर, स्पेन की सर्जियो ग्राझियानो, न्यू जर्सी के योराना बोस्टर, यूएसए से डेनियल मिलर, कोलोरेडो से मिलेश फोरियर, न्यू मेक्सिको से बंजामिन शॉ, न्यूयॉर्क से फ्रेंक लोविन, यूएसए से सारा मोरेल, लास वेगास से मिशेल डिलार्ड उपस्थित थे।