अनदेखी: प्रशिक्षु नर्सों के भरोसे मरीजों का इलाज
टूटा हाथ लेकर भटकता रहा मरीज, स्ट्रेचर खींचते रहे परिजन
डिजिटल डेस्क, अमरावती। पुरानी पेंशन को लेकर हड़ताल पर गए कर्मचारियों के कारण अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। हड़ताल में नर्सों के साथ ही चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी होने के कारण मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। गुरुवार को अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रशिक्षु नर्सेस के भरोसे दिखाई दी। मरीज के परिजन स्ट्रेचर ढकेल रहे थे। इस बीच एक मरीज टूटा हाथ लेकर भटक रहा था, क्योंकि उसे कोई बताने के लिए तैयार नहीं था। अस्पताल में पहुंचने के बाद उसका एक्स-रे करने की जगह सीधे वार्ड में भर्ती कराया गया।
सिर्फ 20 फीसदी हुई सीटी स्कैन : जानकारी के अनुसार गुरुवार को जिला अस्पताल स्थित ट्रॉमा सेंटर में सन्नाटा दिखाई दिया। ट्रॉमा केंयर सेंटर से लेकर वार्ड आदि सभी जगह प्रशिक्षु नर्सेस दिखाई दीं। वहीं, कर्मचारियों के अभाव के कारण मरीज के परिजनों को ही स्ट्रेचर खींचने पड़े। कर्मचारियों की समस्याओं के कारण ही प्रतिदिन होने वाले 25 सीटी स्कैन में से गुरुवार को सिर्फ 5 सीटी स्कैन ही हुए।
जिलेभर में प्रभावित हुई स्वास्थ्य व्यवस्था: जिला अस्पताल के अंर्तगत आनेवाले अमरावती जिले के 17 अस्पतालों में गट-क के 334 और गट-ड के 177 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। वहीं, सभी वर्गों के 248 कर्मचारी ड्यूटी पर थे। इसके अलावा 49 कर्मचारी पहले से ही अवकाश पर थे।
नहीं मिल रहा था वॉर्ड : बुधवार को एक विवाद में कारंजा के ब्राह्मणवाड़ा मुंद निवासी श्यामराव जीवनराव नंदागवली (80) का विवाद हो गया। इसमें सीधे हाथ पर पीछे से हमला कर दिया जिससे बंधे के नीचे से वह टूट गया। कच्चा प्लास्टर बांधकर उन्हें गुरुवार की दोपहर जिला अस्पताल भेजा। यहां डॉक्टर ने देखने के बाद वाॅर्ड 15 में भर्ती कर दिया। मरीज का एक्स-रे भी नहीं किया। वॉर्ड न मिलने की वजह से मरीज करीब 30 घंटे भटकता रहा।