नुकसान: मनपा को हर साल लग रही 1 करोड़ की चपत
75 होर्डिंग ऐसे हैं जो इमारतों पर लगे
विजय ऋषि , अमरावती। महानगरपालिका क्षेत्र में लगे 265 अवैध होर्डिंग की वजह से मनपा को हर साल करीब एक करोड़ रुपए से अधिक की चपत लग रही है। इसमें 75 होर्डिंग ऐसे हैं जो इमारतों पर लगे हैं और उनका ऑडिट न होने से वह कभी भी बढ़े हादसे का कारण बन सकते हैं। लगातार नोटिस देने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिलने पर मनपा ने इमारतों पर लगे 75 होर्डिंग के मालिकों सहित 265 होर्डिंग मालिकों पर अपराध दर्ज करने संबंधित थानों को पत्र हाल ही में दिया है। जानकारी के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 1 जुलाई 2017 को लागू कर दिया था। इससे होर्डिंग के टैक्स का विषय विवाद में आया और होर्डिंग को लेकर मामला उच्च न्यायालय में चला गया। मनपा ने जीएसटी लागू होने के बाद से नियमानुसार भुगतान अदा करने को कहा लेकिन मामला नहीं सुलझा। उस समय मनपा को शहर में लगी होर्डिंग के लिए एजेंसी 87 लाख रुपए देती थी। वर्तमान में यह कीमती एक करोड़ रुपए से अधिक होगी। अप्रैल 2023 और जून 2023 में नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर अब मनपा ने संबंधित थाने को अपराध दर्ज करने पत्र लिखा है जिससे मामला गर्मा सकता है।
हमनें थानों को दिया है पत्र
शहर के सभी होर्डिंग अवैध हैं। 1 जुलाई 2017 किसी ने भी वैधता के लिए शुल्क नहीं जमा किया। इमारतों पर लगे 75 होर्डिंग सहित शहर के कुल 265 होर्डिंग के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज करने हमने पत्र दिया है।- उदय चव्हाण, अधीक्षक, बाजार परवाना
इमारतों पर होर्डिंग लगाने ये दस्तावेज मांगे
इमारत बांधकाम की अनुमति
सरंचना मजबूती प्रमाण पत्र
एजेंसी और मालिक का अनुबंध
इमारत के स्ट्रक्चर स्टेबिलीटी
संपत्तिकर भरने के दस्तावेज
संपत्तिकर जैसा निर्णय नहीं : बाजार पंजीयन विभाग और संपत्तिकर वसूली विभाग दोनों ही अलग-अलग हैं। संपत्तिकर में सामान्य बढ़त ही नहीं बल्कि कई गुना बढ़ने से उनमें खासी नाराजगी है। विभिन्न राजनैतिक पार्टियों ने भी धरना आंदोलन दिए हैं किन्तु फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ा। वहीं, दूसरी ओर हर साल एक करोड़ राजस्व डुबाने वाले होर्डिंग के मालिकों पर मनपा चुप्पी साधकर बैठी है। संपत्तिकर जैसा निर्णय लेने से बचती दिखाई पड़ रही है।