जांच: नेट-सेट का एक प्रमाणपत्र निकला फर्जी, 18 की जांच जारी
मामला अमरावती विद्यापीठ में फर्जी सर्टिफिकेट जोड़कर नौकरी पाने का
डिजिटल डेस्क, अमरावती। संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ के संलग्न महाविद्यालयों में कुछ प्राध्यापकों द्वारा फर्जी नेट-सेट प्रमाणपत्र जोड़कर नौकरी पाने का मामला सामने आया है। फर्जी नेट-सेट प्रमाणपत्र के आधार पर सहयोगी प्राध्यापक पद की नौकरी पाने संबंधी 19 लोगों के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी)द्वारा जांच पड़ताल करने पर वाशिम जिले के एक सहयोगी प्राध्यापक का नेट-सेट का प्रमाणपत्र फर्जी होने की पुष्टि यूजीसी ने की है। शेष 18 प्राध्यापकों की रिपोर्ट आने का इंतजार है।
बता दें कि महाविद्यालयों में प्राध्यापक, सहयोगी प्राध्यापक पद के लिए राज्य पात्रता परीक्षा(सेट) अथवा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा(नेट) जरूरी है। ऐसे में फर्जी नेट-सेट प्रमाणपत्र के आधार पर सहयोगी प्राध्यापक पद की नौकरी पाने संबंधी 19 लोगों के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसके चलते विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी)द्वारा जांच शुरू की गई। इस संदर्भ में केंद्रीय विद्यापीठ अनुदान आयोग का पत्र 27 अक्टूबर 2023 को अमरावती विद्यापीठ को प्राप्त हुआ। जानकारी के अनुसार वाशिम जिले के कामरगांव स्थित कला-विज्ञान महाविद्यालय के शारीरिक शिक्षक तथा सहयोगी प्राध्यापक सुरेंद्र चव्हाण ने दिसंबर 2004 में टी-432687 फिजिकल एज्युकेशन नेट विषय का प्रमाणपत्र जोड़कर नौकरी हासिल की थी। चव्हाण का नेट प्रमाणपत्र फर्जी होने की शिकायत राजभवन से की गई, तो मामले की जांच हुई। विद्यापीठ ने सुरेंद्र चव्हाण के नेट प्रमाणपत्र की जांच कर यूजीसी से रिपोर्ट मांगी। यूजीसी ने अमरावती विद्यापीठ को चव्हाण का नेट ई-प्रमाणपत्र फर्जी रहने की पुष्टि की है।