मांग: पुरानी पेंशन : कलेक्ट्रेट के राजस्व विभाग का काम ठप
1232 कर्मचारियों ने किया बेमियादी कामबंद आंदोलन
डिजिटल डेस्क, अमरावती। पुरानी पेंशन लागू कराने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के राजस्व विभाग के कुल 1232 कर्मचारियों ने बेमियादी कामबंद आंदोलन करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण किया।
वर्तमान में आगामी लोकसभा चुनाव का पुनर्रिक्षण कार्यक्रम शुरू रहने के कारण चुनाव विभाग के कर्मचारी तथा नागपुर शीतसत्र शुरू रहने से जिलाधीश कार्यालय की विधान भवन व्यवस्थापन कक्ष के अधिकारी-कर्मचारी तथा आपदा व्यवस्थापन विभाग के कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे। किंतु राजस्व विभाग का कामकाज पूरी तरह से इस हड़ताल के कारण ठप रहा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 14 मार्च 2023 को पुरानी पेंशन की मांग के लिए समुचे राज्य के सरकारी विभागों के लगभग सभी कर्मचारी हड़ताल पर गए थे। उस समय हड़ताल 7 दिन तक चली थी।
मार्च माह में हुई हड़ताल से पहले पुरानी पेंशन की मांग को लेकर नागपुर के विधानभवन पर सरकारी कर्मचारियों ने ऐतिहासिक मोर्चा निकालते हुए शक्ति प्रदर्शन किया था। लगातार 7 दिन तक चली हड़ताल के बाद भी पुरानी पेंशन पर राज्य सरकार द्वारा अब तक कोई निर्णय नहीं लेने के कारण सरकारी कर्मचारियों ने उसके बाद हुए विधान परिषद के चुनाव में अपने ताकद का अहसास सरकार को दिखा दिया था। यह मुद्दा फिर लंबित रहा। फिलहाल राज्य विधानभवन के नागपुर शीतसत्र के दौरान 12 दिसंबर को पुरानी पेंशन के लिए फिर एक बार सरकारी, गैर सरकारी, शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने मोर्चा निकालने के बाद गुरुवार,14 दिसंबर से बेमियादी कामबंद आंदोलन शुरू किया है। इस हड़ताल से पहले दिन जिलाधिकारी कार्यालय के राजस्व विभाग का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। इस हड़ताल में कुल 1232 कर्मचारी शामिल हुए थे।
ग्रामसेवक यूनियन का हड़ताल को समर्थन : पिछले मार्च माह में हुए 7 दिन की हड़ताल में जिला परिषद के कर्मचारी तथा शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी, कोषागार विभाग, कृषि विभाग के कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। किंतु इस बार पुरानी पेंशन के साथ कुल 17 मांगों काे शामिल करने से इस बेमियादी हड़ताल में जिला परिषद के अनेक विभागों के अधिकारी व कर्मचारी शामिल नहीं हुए। जबकि महाराष्ट्र राज्य ग्रामसेवक यूनियन ने जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर इस बेमियादी हड़ताल को अपना समर्थन देकर अपना कामकाज बंद रखा। इस बारे में संगठन का कहना है कि 14 से 20 मार्च तक उन्होंने ऐतिहासिक हड़ताल की थी, तब पुरानी पेंशन के लिए सरकार ने समिति स्थापित की थी। इस समिति को तीन महीने की मुदत दी। किंतु समिति को मुदतवृद्धि दी गई थी। लेकिन सरकार ने इस समिति की रिपोर्ट को गोपनीय रखा। इस कारण पुरानी पेंशन की मांग समेत अन्य न्यायिक मांगों के लिए ग्रामसेवक यूनियन ने जिला परिषद कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया।
निगमायुक्त से चर्चा विफल, मनपा कर्मियों की बेमियादी हड़ताल कायम : मनपा के कर्मचारियों ने छटवे व सातवें वेतन आयोग की बकाया राशि के लिए गुरुवार, 14 दिसंबर से फिर एक बार बेमियादी हड़ताल आरंभ की है। गुरुवार को मनपा के सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों ने कामबंद आंदोलन करते हुए मनपा के मुख्य प्रवेश द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके बाद आंदोलनकारी अमरावती मनपा कर्मचारी कामगार संगठन के प्रतिनिधिमंडल के साथ निगमायुक्त देविदास पवार ने चर्चा की। किंतु निगमायुक्त के साथ चर्चा विफल रही। बताया गया कि मनपा की तिजोरी खाली रहने से कर्मचारियों को वर्तमान में छटवें व सातवें वेतन आयोग की बकाया राशि नहीं दे सकते। जिससे यह आंदोलन दूसरे दिन गुरुवार को भी शुरू रहा। यह जानकारी संगठन के सचिव प्रल्हाद कोतवाल ने दी। हडताल के कारण मनपा में गुरुवार को सुबह से सन्नाटा छाया रहा। लगभग सभी विभागों के कामकाज प्रभावित हुए, मात्र हड़ताल से अत्यावश्यक दमकल विभाग व आरोग्य सेवा के कर्मचारी डयूटी पर तैनात थे।