कार्रवाई: एक करोड़ रुपये की रिश्वत लेते हुए एमआईडीसी अधिकारी रंगेहाथ पकड़ाया
नासिक डिवीजन में हुई यह सबसे बड़ी कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, अहमदनगर। एमआईडीसी अधिकारी की रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ हैं। अहमदनगर के सहायक अभियंता अमित किशोर गायकवाड़ (उम्र 32, प्लॉट नंबर 2, आनंदविहार नागापुर, अहमदनगर, मूल निवासी चिंचोली जिला राहुरी) को एक करोड़ रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। नासिक प्रभाग की भ्रष्टाचार निरोधक पुलिस अधीक्षक शर्मिष्ठा वालावलकर ने कहा कि उसने अपने लिए और तत्कालीन उप-विभागीय अभियंता गणेश वाघ के लिए उक्त रिश्वत स्वीकार की। गायकवाड़ और वाघ दोनों के खिलाफ शहर के एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया हैं। छत्रपति संभाजीनगर के एक सरकारी ठेकेदार ने इसकी शिकायत नासिक भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से की थी।शुक्रवार (03) को की गई इस कार्रवाई के बारे में गोपनीयता रखी गई थी। बताया जा रहा है कि नाशिक डिवीजन में हुई यह सबसे बड़ी कार्रवाई हैं। इससे महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम में खलबली मच गई है।
छत्रपति संभाजीनगर के सरकारी ठेकेदार ने अहमदनगर के औद्योगिक विकास निगम के तहत 100 मिमी व्यास वाली पाइपलाइन बिछाने का काम किया था। इस काम का 2 करोड़ 66 लाख 99 हजार 244 रुपए का बिल प्राप्त करने के लिए गायकवाड़ ने उक्त बिलों पर तत्कालीन उपविभागीय अभियंता गणेश वाघ की पिछली तारीख अंकित कर उस पर उसके हस्ताक्षर करवाकर उक्त बिल समेत इससे पहले अदा किए कुछ बिलों के इनाम के तौर पर एक करोड़ रुपये की रिश्वत स्वीकार की बात कबूल की । नाशिक टीम ने शुक्रवार (03) दोपहर अहमदनगर-संभाजीनगर राजमार्ग पर शेंडी शिवरा में आनंद सुपर मार्केट बिल्डिंग के किनारे जाल बिछाया। उस समय गायकवाड़ ने पंच गवाह के सामने इनोवा कार में अपने और वाघ के लिए मांगी गई एक करोड़ रुपये की रिश्वत राशि स्वीकार कर ली। उसी समय गायकवाड़ ने अपने मोबाइल फोन से वाघ को फोन किया और रिश्वत की रकम के बारे में बताकर पूछा कि उनके हिस्से का 50 प्रतिशत कहां भेजना है ? इस पर वाघ ने कहा, 'रहने दो तुम्हारे पास, मैं तुमको बताऊंगा। इसे तुमको ही एक जगह पहुंचाना है। यह कहकर वाघ ने गायकवाड़ को रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया।