दर्दनाक हादसा: बायोगैस के कुएं में गिरी बिल्ली को बचाने में 5 ने गंवाई जान, एक की हालत गंभीर

  • नेवासा तहसील के वाकड़ी गांव में हु भयानक हादसा
  • अपनों को मरते कैसे छोड़ते
  • लगा दी कुएं में छलांग

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-10 11:02 GMT

डिजिटल डेस्क, श्रीरामपुर। अहमदनगर जिले की नेवासा तहसील का वाकड़ी गांव में मंगलवार शाम उस समय हड़कंप मचा, जब एक बिल्ली को बचाने एक के बाद एक बायोगैस कुएं में उतरे 5 लोगों की जान चली गई। एक अन्य को किसी तरह बचा लिया गया। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों में दो पिता-पुत्रों की जोड़ी शामिल है, जो एक-दूसरे की जान बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा बैठे थे।

मौत सामने थी, अपनों को मरते कैसे छोड़ते, बस कूद पड़े

घटना शाम करीब 5 बजे की है। वाकडी गांव में पुराने कुएं में पानी नहीं होने के कारण उसका बायोगैस के लिए उपयोग किया जाने लगा था। इस कुएं में कीचड़, गाय और भैंस के गोबर, पानी छोड़कर बायोगैस बनाई जाने लगी थी। मंगलवार शाम एक बिल्ली को कुएं में जा गिरी। जिसे देखकर बबलू अनिल काले उम्र 28 साल एक रस्सी के सहारे उसे निकालने के लिए कुएं में उतरा। इसी बीच रस्सी से हाथ फिसल जाने के चलते वह कुएं में गिर पड़ा।

बबलू की चीखें सुनकर पास ही मौजूद उसके पिता अनिल बापूराव काले उम्र 53 और अन्य परिजन उसे बचाने दौड़े। अनिल ने रस्सी के सहारे उतरकर बेटे को बचाने का प्रयास किया, उनके पीछे ही संदीप माणिक काले उम्र 36 साल भी कुएं में लटके और इसी समय रस्सी टूट गई। यह देख उन दोनों को बचाने के प्रयास में माणिक गोविंद काले उम्र 65 साल, बाबासाहब गायकवाड़ उम्र 40 साल और विजय माणिक काले उम्र 35 साल फिसलने के कारण गहरे कुएं में जा गिरे।

चीख-पुकार सुन आसपास के लोग वहां पहुंचे और किसी तरह विजय काले को बचाकर बाहर निकाल लिया, लेकिन अन्य पांचों का कोई पता नहीं चल सका। वे दलदल में डूब गए। सूचना मिलते ही पुलिस, मेडिकल ऑफिसर और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और तत्काल कुएं में से पानी निकालने की कोशिशें शुरू की गई। बचाव दल ने 5 के शव बरामद किए, जब्कि एक व्यक्ति जो कमर में रस्सी बांधकर कुएं में घुसा था, वो बच गया. पुलिस ने उसे निकाल कर अस्पताल भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

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