नहीं थम रहे तेल के दाम, 85.29 रुपए तक पहुंचा पेट्रोल, डीजल ने भी तोड़े रिकॉर्ड
नहीं थम रहे तेल के दाम, 85.29 रुपए तक पहुंचा पेट्रोल, डीजल ने भी तोड़े रिकॉर्ड
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव में सियासी आग ठंडी होने के बाद अब पेट्रोल-डीजल में लग गई है। चुनाव खत्म होते ही हर दिन तेल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। लगातार 11वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल आया, जिसके बाद पेट्रोल 85.29 रुपए तक पहुंच गया है और डीजल की कीमत 72.96 रुपए प्रति लीटर है, ये कीमतें मुंबई की हैं। जहां देश में तेल सबसे महंगा बिक रहा है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 77.47 रुपए पहुंच गए हैं और डीजल के दाम की बात करें तो यहां 68.53 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए है।
इससे पहले बुधवार को भी पेट्रोल और डीजल के दाम में 30 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी, जिसके बाद मुंबई में पेट्रोल 84.99 हो गया था। दिल्ली में पेट्रोल अपने सबसे ऊपरी स्तर 77 रुपये 17 पैसे पर पहुंच गया था। वहीं पटना और भोपाल में कीमतें 82 रुपए पार जा चुकी हैं। दिल्ली में पिछले तीन दिनों के अंदर पेट्रोल 90 पैसे महंगा हो गया। इसी तरह कोलकाता में 10 दिन में पेट्रोल के दाम 2.51 रुपए बढ़कर बुधवार को 79.83 रुपए और चेन्नई में 2.68 रुपए बढ़कर 80.11 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। डीजल की बात करें तो 10 दिन के दौरान कोलकाता में 2.26 रुपए बढ़कर 70.89 रुपए और चेन्नई में 2.58 रुपए बढ़कर 72.14 रुपए प्रति लीटर हो गया है।
राज्य भी कीमत घटाने के लिए उठाएं कदम
वैट के कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतें हर राज्य में अलग हैं। इनकी खुदरा कीमतों पर 20-35 फीसदी वैट जुड़ रहा है। केंद्र के साथ राज्य भी कीमत करने के लिए कदम उठाएं। दिल्ली में अप्रैल में पेट्रोल पर 15.84 रुपये, जबकि डीजल पर 9.68 रुपये प्रति लीटर वैट था, जिसे मंगलवार को बढ़ाकर पेट्रोल पर 16.34 रुपये और डीजल पर 10.02 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।
होगा राजस्व नुकसान
अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को एक डॉलर का मूल्य 67.97 रुपये रहा। यह 16 महीने के निचले स्तर पर है। इससे भी कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। केंद्र पेट्रोल पर 19.48 रुपये, जबकि डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूलता है। पेट्रोल और डीजल पर एक रुपया उत्पाद शुल्क घटाने पर 13 हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा।
सिर्फ उत्पाद शुल्क में कटौती करने पर नहीं रहा जाएगा निर्भर
सरकार ने नवंबर, 2014 और जनवरी, 2016 के बीच नौ बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया है, जबकि एक बार 2 रुपये प्रति लीटर कमी की गई। नौ बार में पेट्रोल पर 11.77 रुपये और डीजल पर 13.47 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाने से सरकार को 2.42 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई। इस दौरान सरकार ने सभी राज्यों से वैट कम करने को कहा, लेकिन महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश ने ही कमी की।
कैसे घटेंगी कीमतें?
केंद्र व राज्य सरकारों को पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अंकुश के लिए एक साथ कई कदम उठाने होंगे। माना जा रहा है कि कीमतों में कमी के लिए सरकार उत्पाद शुल्क में कटौती कर सकती है। इस वक्त पेट्रोल पर 19.48 रुपए और डीजल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क है। वहीं दूसरी तरफ आज पेट्रोल डीलर्स के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैठक करेंगे। जिसमें कीमत कम करने को लेकर रास्ता निकाला जाएगा। मंगलवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि सरकार तेज की बढ़ती कीमतों को गंभीरता से ले रही है। हम पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के लिए काम कर रहे हैं। बता दें कि पिछले 10 दिनों में पेट्रोल 2.54 रुपए और डीजल 2.41 रुपए महंगा हुआ है।