देश में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों को सही सिस्टम से जोड़ा गया: प्रधानमंत्री

देश में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों को सही सिस्टम से जोड़ा गया: प्रधानमंत्री

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-09 07:00 GMT
देश में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों को सही सिस्टम से जोड़ा गया: प्रधानमंत्री
हाईलाइट
  • देश में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों को सही सिस्टम से जोड़ा गया: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने वाले मध्य प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स के साथ बुधवार को संवाद किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये पहली बार हुआ है कि रेहड़ी-पटरी वालों के लाखों लोगों के नेटवर्क को सही मायने में सिस्टम से जोड़ा गया है, उनको एक पहचान मिली है। इस योजना का मकसद है कि रेहड़ी-पटरी और ठेले वाले नई शुरूआत कर सकें, अपना काम फिर शुरू कर सकें, इसके लिए उन्हें आसानी से पूंजी मिले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सिर्फ दो महीने के अंदर एक लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को योजना का लाभ दिया गया। वहीं कोरोना महामारी की चुनौती के बावजूद साढ़े चार लाख लोगों को पहचान पत्र और सर्टिफिकेट दिए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने अन्य राज्यों को भी मध्य प्रदेश से सीख लेने की सलाह दी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में जब भी कोई बड़ा संकट आता है, महामारी आती है, उसका सबसे पहला और बड़ा प्रभाव गरीबों पर पड़ता है। गरीब को रोजगार का संकट होता है। उसकी जमा-पूंजी का संकट होता है। कोरोना की महामारी, ये सब विपदाएं अपने साथ लेकर आई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान बाहर रोजगार करने वाले श्रमिकों को अपने गांव लौटना पड़ा। इसलिए कोरोना महामारी के दौरान पहले से ही सरकार और देश का प्रयास गरीब की दिक्कतों को कम करने का रहा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाखों लोगों को रोजगार दिया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए निरंतर हो रहे कार्यों के बीच एक वर्ग ऐसा था, जिस पर खास ध्यान देने की जरूरत थी। ये वर्ग रेहड़ी-पटरी ठेले वाले भाई-बहनों का था। कोरोना के कारण बाजार बंद हो गए। घरों में लोग रहने लगे। जिससे रेहड़ी-पटरी वालों के कारोबार पर असर पड़ा। मुश्किलों से निकालने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू हुई। मकसद है कि लोग नई शुरूआत कर सकें। अपना काम फिर शुरू कर सकें। उन्हें आसानी से पूंजी मिले। उनसे बाहर ब्याज देकर रुपये लेने के लिए मजबूर न होना पड़ा। रेहड़ी-पटरी वाले लाखों लोगों को सही मायने में सिस्टम से जोड़ा गया। उन्हें एक एक पहचान मिली।

एनएनएम-एसकेपी

Tags:    

Similar News