2014 के बाद से हवाई अड्डे लगभग दोगुने हो गए, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों पर फोकस
हवाई अड्डा 2014 के बाद से हवाई अड्डे लगभग दोगुने हो गए, ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों पर फोकस
- 2014 के बाद से हवाई अड्डे लगभग दोगुने हो गए
- ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों पर फोकस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षों में विमानन यातायात में वृद्धि के साथ, देश ने हवाईअड्डे की स्थापना में वृद्धि दर्ज की है। हवाई अड्डों की कुल संख्या वर्ष 2014 में 74 से लगभग दोगुनी होकर वर्ष 2022 में 141 से अधिक हो गई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मोपा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, गोवा का उद्घाटन करेंगे, नवंबर 2016 में इस हवाई अड्डे की आधारशिला रखी गई थी। लगभग 2,870 करोड़ रुपये की लागत से विकसित, हवाई अड्डे को टिकाऊ बुनियादी ढांचे के साथ बनाया गया है।
इससे पहले 19 नवंबर, 2022 को अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे डोनी पोलो एयरपोर्ट, ईटानगर का उद्घाटन किया गया था। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, अखिल भारतीय कुल यात्री यातायात 2019-20 के दौरान 341 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2032-33 तक लगभग 827 मिलियन होने की उम्मीद है।
विमानन यातायात में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इन 21 हवाई अड्डों में गोवा में मोपा, नवी मुंबई, महाराष्ट्र में शिर्डी और सिंधुदुर्ग, कर्नाटक में कलाबुरगी, विजयपुरा, हासन और शिवमोग्गा, मध्य प्रदेश में डाबरा (ग्वालियर), उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर, पुडुचेरी में कराईकल, आंध्र प्रदेश में दगड़ार्थी, भोगपुरम और ओरवाकल (कुरनूल), पश्चिम बंगाल में दुगार्पुर, सिक्किम में पाक्योंग, केरल में कन्नूर, अरुणाचल प्रदेश में डोनी पोलो, ईटानगर शामिल हैं।
इनमें से दुगार्पुर, शिर्डी, कन्नूर, पाक्योंग, कालाबुरागी, ओरवाकल (कुरनूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर और डोनी पोलो, ईटानगर सहित नौ ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे चालू हो गए हैं। इसके अलावा, सरकार ने राजस्थान में अलवर, मध्य प्रदेश में सिंगरौली और हिमाचल प्रदेश में मंडी सहित तीन ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों के निर्माण के लिए प्रथम चरण की मंजूरी या साइट मंजूरी भी प्रदान की है। पिछले तीन वर्षों के दौरान मंडी एयरपोर्ट परियोजना को 2022 में साइट क्लीयरेंस प्रदान किया गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, नौ परिचालित हवाई अड्डों की परियोजना लागत में दुगार्पुर - 670 करोड़ रुपये, शिरडी - 320 करोड़ रुपये, पाकयोंग - 553.53 करोड़ रुपये, कन्नूर - 2,342 करोड़ रुपये, कालाबुरागी - 175.57 करोड़ रुपये, ओरवाकल (कुरनूल)-187 करोड़ रुपये, सिंधुदुर्ग-520 करोड़ रुपये, कुशीनगर-448 करोड़ रुपये और डोनी पोलो, ईटानगर-646 करोड़ रुपये शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा नीति के अनुसार, परियोजनाओं के वित्त पोषण समेत हवाईअड्डा परियोजनाओं के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकार समेत संबंधित हवाईअड्डा विकासकर्ता की है (यदि राज्य सरकार परियोजना प्रस्तावक है)।
सोर्सः आईएएनएस
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