दिखने लगा महंगे तेल का असर, पेट्रोल-डीजल के बाद आलू के भाव चढ़े
दिखने लगा महंगे तेल का असर, पेट्रोल-डीजल के बाद आलू के भाव चढ़े
डिजिटल डेस्क । देश में पेट्रोल-डीजल के बाद अब आलू के भाव चढ़ गए हैं। कीमतों में तेजी की वजह कम सप्लाई को माना जा रहा है। इसके अलावा उत्पादन में भी इस साल गिरावट आई है। वैसे जब भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं तो सब्जियों का महंगा होना आम बात है, लेकिन इस बार जितनी तेजी से तेल के दाम बढ़े हैं, महंगाई दोगुने तरीके से बढ़ने की आशंका है। आलू के महंगे होने का एक कारण ये भी है कि पिछले दो साल से आलू का भाव सस्ता रहने से किसानों ने आलू का बुआई रकबा 5-7 फीसदी घटाया है। इस वजह से आलू के उत्पादन में 10-20 फीसदी की गिरावट आई है। इसके साथ ही फसल की गुणवत्ता भी कम हो गई है, क्योंकि किसानों ने पिछले साल बीज के लिए पुराने आलू का ही इस्तेमाल किया था।
आलू के बढ़ते दामों पर सरकार की नजर
खुदरा बाजार में आलू की कीमत 25 रुपए पर पहुंच गई है। जिससे सरकार की फिक्र बढ़ गई है। सरकार को आलू जमाखोरी की आशंका है, इसलिए अब स्टॉक लिमिट लगाने की तैयारी हो रही है। सरकार ने इसके लिए कमेटी का गठन कर कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
क्यों बढ़े दाम
इस साल उत्तर प्रदेश में आलू का उत्पादन 20 फीसदी घट गया है है। जिसके चलते आलू की कीमतों में तेजी आई है। पिछले साल, किसानों को आलू का भाव 4-5 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा था। अब उन्हें आलू का भाव 13-15 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा है। उत्तर प्रदेश, देश में आलू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। उत्तर प्रदेश में पिछले साल 1.6 करोड़ टन आलू का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 487 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने राज्य के 25 लाख आलू उत्पादकों की मदद के लिए करीब 1 लाख मीट्रिक टन आलू की खरीद भी की थी।
और बढ़ सकती हैं कीमतें
गुजरात में भी कम उत्पादन है। शुरुआती अनुमान के मुताबिक, गुजरात में पिछले साल की 5.4 करोड़ बोरी की तुलना में 3.4 करोड़ बोरी (50 किग्रा का प्रत्येक बैग) का उत्पादन रहने की संभावना है। उपभोक्ताओं को पिछले साल की दर से लगभग दोगुना 18-20 रुपये प्रति किलो का भुगतान करना पड़ रहा है। आगे भी कीमतों में तेजी की संभावना है। आपको बता दें कि पंजाब और यूपी में आलू की फसल भी खराब हुई है। दोनों राज्यो में आलू की 15-20 फीसदी फसल खराब हो गई है।