15 स्टार्ट-अप्स करेंगे स्वास्थ्य सेवा और कृषि में समाधान का कार्य
समस्याओं का स्थायी समाधान 15 स्टार्ट-अप्स करेंगे स्वास्थ्य सेवा और कृषि में समाधान का कार्य
- 15 स्टार्ट-अप्स करेंगे स्वास्थ्य सेवा और कृषि में समाधान का कार्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। समस्याओं का स्थायी समाधान विकसित करने वाले 15 नवप्रवर्तक स्टार्ट-अप चुने गए हैं। यह स्टार्ट-अप, स्वास्थ्य सेवा और कृषि समस्याओं का समाधान ढूंढेगे। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक यह 15 स्टार्ट-अप शीघ्र ही स्वास्थ्य सेवा और कृषि क्षेत्र में समाधान उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करना शुरू कर देंगे। यह कार्यक्रम आईआईटी कानपुर की दो सफल राष्ट्रीय पहलों- द वेंटीलेटर प्रोजेक्ट और मिशन भारत ओ2 से प्रेरणा लेता है।
यह स्टार्टअप, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समर्थित आईआईटी कानपुर के एक्सेलेरेटर कार्यक्रम का पहला समूह है। भारत सरकार इसके लिए अपनी एनआईडीएचआई योजना पोर्टफोलियो के माध्यम से स्वदेशी नवाचारों की उत्पाद विकास यात्रा में आने वाली चुनौतियों को हल करने में मदद करेगी।
इस कार्यक्रम के लिए आवेदन जुलाई 2022 के प्रारंभ में मांगे गए थे और स्टार्टअप्स को कठोर चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुना गया था। इसके बाद स्टार्टअप्स को आगे की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से आवासीय कार्यशालाओं सहित प्रशिक्षण दिया गया था।
ग्रोएक्स, योरनेस्ट जैसे उद्यम पूंजी निवेशकों, डीएस ग्रुप जैसे कॉरपोरेट्स और प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) जैसी सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में स्टार्टअप संस्थापकों के साथ अपनी अंतर्²ष्टि और सीखने को साझा किया। कॉहोर्ट के अंतर्गत स्टार्टअप्स को सरकारी एजेंसियों के प्रतिष्ठित वक्ताओं, निजी निवेशकों (एंजल इन्वेस्टर्स) और वेंचर कैपिटल (वीसी) समुदायों और प्रमुख उद्योग के साथ बातचीत करने का अवसर मिला।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि निर्माण एक्सेलेरेटर कार्यक्रम से प्रारम्भिक स्वरूप से बाजार तक इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अत्याधुनिक, प्रौद्योगिकी-संचालित नवाचारों को विकसित करने वाले स्टार्टअप की यात्रा में और तेजी आने की सम्भावना है।
सोर्सः आईएएनएस
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