Birthday: सौरभ शुक्ला ने फिल्मों के लिए छोड़ दिए थे 5 टीवी शो, 10 साल तक नहीं मिला काम
Birthday: सौरभ शुक्ला ने फिल्मों के लिए छोड़ दिए थे 5 टीवी शो, 10 साल तक नहीं मिला काम
Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-05 04:09 GMT
डिजिटल डेस्क,मुंबई। फिल्म "सत्या" से ‘कल्लू मामा’ के किरदार के लिए मशहूर होने वाले सौरभ शुक्ला का जन्म उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में 5 मार्च साल 1963 को हुआ था। "सत्या" और "बैंडिट क्वीन" जैसी हिट फिल्में करने के बावजूद सौरभ को बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिला। एक्टर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि,"सत्या के बाद मुझे वैसा काम नहीं मिल रहा था जैसा मैं चाहता था। इसके लिए मुझे 10 साल का इंतजार करना पड़ा। लोग मेरे काम की तारीफें तो करते थे लेकिन काम नहीं मिलता था। 10 साल मेरे लिए बहुत मुश्किलों भरे रहे। वही इंडियन एक्प्रेस के अनुसार, सौरभ ने फिल्मों में काम करने के लिए 5 टीवी शो छोड़ दिए थे।
सौरभ शुक्ला का सफर
- सौरभ शुक्ला फिल्मों के साथ टीवी, थियेटर आर्टिस्ट और निर्देशक के तौर पर भी मशहूर है।
- सौरभ शुक्ला की मां जोगमाया शुक्ला देश की पहली महिला तबला वादक और पिता शत्रुघ्न शुक्ला आगरा घराने के संगीतकार थे।
- सौरभ ने दिल्ली का खालसा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
- साल 1984 में सौरभ ने थियेटर ज्वाइन किया था।
- सौरभ ने फिल्म "बैंडिट क्वीन" से एक्टिंग करियर में डेब्यू किया था।
- सौरभ शुक्ला को पहचान रामगोपाल वर्मा की फिल्म "सत्या" के कल्लू मामा किरदार से मिली।
- सौरभ ने एक इंटरव्यू में कहा कि, मेरे करियर की दूसरी पारी फिल्म बर्फी से शुरू हुई। उसके बाद जॉली एलएलबी ने सब कुछ बदल दिया और कई अच्छी फिल्में मिलीं।"
- इंडियन एक्प्रेस को दिए इंटरव्यू में सौरभ ने कहा कि, ""मैं टीवी में काम करने में व्यस्त था जब मुझे रुककर सोचने का मौका मिला। मुझे सुधीर मिश्रा का फोन आया था। उन्होंने मुझे बोला सौरभ तुम टीवी में काम करके खुद को थका रहे हो।
- इसकी वजह से मुझे तुम्हें फिल्म में लेना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि मैं तुम्हारी कल्पना किसी किरदार में नहीं कर पाऊंगा। बस फिर क्या था।मेरे पास पांच टीवी शो थे और उन्हें मैंने छोड़ दिया था। मैंने कुछ फिल्म में काम किया और फिर मुझे सत्या मिली।""
- सौरभ को फिल्म "जॉली एलएलबी" के लिए साल 2014 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- सौरभ की हिट फिल्में- बैडिंट क्वीन, सत्या, मोहब्बतें, लगे रहो मुन्नाभाई, स्लमडॉग मिलेनियर, रेड।
- लेखक के तौर पर फिल्में- सत्या, कलकत्ता मेल, मुंबई एक्सप्रेस, सलाम-ए-इश्क एसिड फैक्ट्री, पप्पू कॉन्ट डांस साला।