Remembering Jagjit Singh: गूंजती रहेगी 'जग जीत' ने वाली आवाज, कुछ ऐसे थे गजल सम्राट

Remembering Jagjit Singh: गूंजती रहेगी 'जग जीत' ने वाली आवाज, कुछ ऐसे थे गजल सम्राट

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-10 02:40 GMT
Remembering Jagjit Singh: गूंजती रहेगी 'जग जीत' ने वाली आवाज, कुछ ऐसे थे गजल सम्राट

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। गजल सम्राट नाम से मशहूर जगजीत सिंह उर्फ जगजी​त दादा की मखमली आवाज का जादू आज भी लोगों पर चढ़ा हुआ है। जब भी गजलों का ​जिक्र होता है जगजीत सिंह का नाम सबसे पहले ​याद किया जाता है। उन्होंने ही लोगों को गजलों से अवगत करवाया था। उनकी गजलों को लोग तो बहुत पसंद करते थे, लेकिन गज़ल का ज्ञान रखने वाले लोगों ने उन पर आरोप लगाए कि उन्होंने इसके शास्त्रीय रूप के साथ छेड़छाड़ की है। हालांकि इन सब बातों का जगजीत दादा पर कोई असर नहीं हुआ और वे गजल गाने में मशगूल रहे। 10 अक्टूबर 2011 में जब 70 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा तो हर कोई यही कह रहा था कि ""चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वो कौनसा देश, जहां तुम चले गए..."" आज गजल सम्राट की डेथ एनिवर्सरी पर जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें। 

 

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