इस देश के लोग अंतिम संस्कार में खाते हैं लाशें , अजीब हैं ये परम्परा
इस देश के लोग अंतिम संस्कार में खाते हैं लाशें , अजीब हैं ये परम्परा
Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-15 10:23 GMT
डिजिटल डेस्क,भोपाल। दुनिया में ऐसी ढेरों प्रजाति हैं,जिनकी परम्परा अजीबो गरीब हैं। ये प्रजातियां आम लोगों की तरह नहीं होती हैं। बल्कि उनसे बिल्कुल अलग होती है और अपने बनाए हुए तौर-तरीकों के हिसाब से ही जीवन-यापन करती है। ऐसी ही एक जनजाति हैं यानोमामी। इस जनजाति के लोग अपनी ही जनजाति के मृतकों का मांस खाते हैं। ये लोग साउथ अमेरिका के ब्राजील में निवास करते हैं। इस परम्परा को एंडो-केनिबलवाद कहा जाता है।
क्या हैं इस जनजाति की परम्परा
- द गार्जियन में छपी खबर के अनुसार, साउथ अमेरिका के ब्राजील और वेनेजुएला में यानोमामी जनजाति (Yanomami),जिसे यनम या सीनेमा के नाम से जाना जाता हैं।
- यह जनजाति आधुनिकीकरण और पश्चिमीकरण से प्रभावित नहीं होते, बल्कि यह अपनी संस्कृति व परंपराओं का अनुपालन करते हैं।
- यही कारण हैं कि, ये अपनी परम्पराओं में बाहरी लोगों की दखलअंदाजी पसंद नहीं करते है।
- इन लोगों के अंतिम संस्कार करने का तरीका बहुत अलग है, जो शायद आपका दिल-दहला कर रख दे।
- अमेजन वर्षावन में रहने वाले यानोमामी जनजाति का मानना है कि, मौत के बाद शरीर के आत्मा को संरक्षित रखने की जरूरत होती है।
- इस जनजाति के अनुसार,आत्मा की शांति के लिए मृतक की लाश को पूरी तरह से जलाकर, उनके लाश को जीवित रिश्तेदारों द्वारा खाया जाता है।
- यह जनजाति शव को जलाते हैं और जले हुए शरीर पर मुस्कान के साथ उनके चेहरे को पेंट कर देते हैं।