अजब गजब: दुनिया का आठवां अजूबा है दुबई का बुर्ज खलीफा, ऊंचाई इतनी कि 95 किलोमीटर दूर से भी दिखाई देता है, जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में
- दुनिया का आठवा अजूबा है बुर्ज खलीफा
- गगनचुंबी इमारत को बनाने में लगे थे 6 साल
- इसके फाउंडर और चेयरमैन मोहम्मद अलब्बार हैं।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आपने दुबई का नाम तो काफी सुना होगा। जब भी दुबई की बात आती है तो आपके दिमाग में दुनिया की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा का नाम सबसे पहले आता है। यह दिखने में जितना आलीशान और खूबसूरत है उतना ही मुश्किल इसे बनाना रहा होगा। जैसा की आप जानते हैं कि दुबई एक रेतीला शहर है। इस पर बनी इमारत कभी भी धसक सकती है। इसलिए अगर इसको इंजिनियरिंग के नजरिये से भी देखा जाए तो यह बहुत ही शानदार है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की इस गगनचुंबी इमारत को किसने बनाया होगा? इसका निर्माण करने वाली कंपनी कौन सी रही होगी? आखिर इसका मालिक कौन होगा? आइए जानते हैं बुर्ज खलीफा के बारे में कुछ ऐसी ही रोचक बातें, जिसके बारे में आप शायद ही पहले कभी सुना या पढ़ा होगा।
बुर्ज खलीफा के मालिक और बनाने वाली कंपनी के बारे में जानने से पहले इससे जुड़े कुछ फैक्ट्स के बारे में जान लेते हैं। दुनिया की इस सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा का निर्माण कार्य जनवरी साल 2004 को शुरू हुआ था। यह इमारत 828 मीटर उंची है जिसमें 163 फ्लोर हैं। बुर्ज खलीफा का उद्घाटन बनने के 6 साल बाद जनवरी 2010 में हुआ था। आपको बता दें की बुर्ज खलीफा का नाम दुनिया के 8 वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं। इसके साथ ही वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसके सबसे उंची और सबसे उंचाई तक जाने वाली लिफ्ट का रिकॉर्ड भी है।
कौन है बुर्ज खलीफा का मालिक?
इस बिल्डिंग को एमआर प्रॉपर्टीज द्वारा बनाया गया है। इसके फाउंडर और चेयरमैन मोहम्मद अलब्बार हैं। हालांकि, इतनी बड़ी बिल्डिंग को एक साथ तीन कंपनियों ने मिल के बनाया है। जिसमें साउथ कोरिया की सैमसंग सी एंड टी कंपनी, बेल्जियम की बीसिक्स कंपनी और अरब अमीरात की अरबटेक हैं। इन तीनों बड़ी कंपनियों ने मिलकर ही इतनी शानदार इमारत को बनाने का जिम्मा उठाया था।
कितनी दूर से दिखाई पड़ता है बुर्ज खलीफा?
इस बिल्डिंग की सबसे खास बात इसकी उंचाई है। जिसको दुनिया की सबसे बड़ी इमारत के तौर पर जाना जाता है। इसको बनाने के लिए खास डिजाइन और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था। क्योंकि रेतीले शहर में इतनी उंची इमारत बनाना आसान काम नहीं था। हालांकि, आश्यर्य वाली बात तो यह है की इस उंची बिल्डिंग को आप कम से कम 95 किलोमीटर से भी देख सकते हैं।