मादा कछुओं के जन्म से परेशान हो रहे हैं दुनियाभर के वैज्ञानिक, हैरान करने वाली है वजह

अजब -गजब मादा कछुओं के जन्म से परेशान हो रहे हैं दुनियाभर के वैज्ञानिक, हैरान करने वाली है वजह

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-12 12:59 GMT
मादा कछुओं के जन्म से परेशान हो रहे हैं दुनियाभर के वैज्ञानिक, हैरान करने वाली है वजह

डिजिटल डेस्क,भोपाल। फ्लोरिडा में कछुओं का एक अस्पताल बनाया गया है। जहां पर वैज्ञानिक परेशान हैं। क्या  आप जानते हैं, कि इन वैज्ञानिकों के परेशान होने की वजह क्या हैं, नहीं तो आज हम आप को बताते हैं। वैज्ञानिक का कहना है, कि पिछले चार साल से इस इलाके में सिर्फ मादा समुद्री कछुए ही जन्म ले रहे हैं। 
अगर दुनिया में किसी भी प्रजाति के सिर्फ मादा जीव ही पैदा हो तो उस प्रजाति विलुप्त होना तय माना जाता है। ये बेहद चिंताजनक स्थिति है क्योंकि प्राकृतिक तौर पर नर और मादा एक दूसरे का ही होना बहुत जरुरी होता है। किसी प्रजाति को आगे बढ़ाने के लिए इन दोनों का होना जरुरी माना जाता है। 

वैज्ञानिकों का कहना है, कि ऐसा होने की वजह जलवायु परिवर्तन और तापमान का बढ़ना है। साथ ही वैज्ञानिकों ने बताया की अगर इसी तरह केवल मादा कछुए पैदा होते रहेंगे तो इनकी प्रजाति का आगे बढ़ना मुश्किल हो जाएगा। वैज्ञानिकों  का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान की वजह से अंडों में लिंग परिवर्तन हो रहा है। 


तापमान बढ़ने की वजह से पैदा होते हैं ज्यादा मादा कछुए 

हर कोई इस बात से सहमत नहीं है कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान की वजह से कछुओं का लिंग परिवर्तन हो रहा है। पर इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता की जलवायु परिवर्तन का नुकसान कछुओं समेत कई और जीवों पर पड़ रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ एक्स्टर की इकोलॉजिस्ट लूसी हॉक्स ने बताया कि समुद्री कछुओं की सात प्रजातियां हैं, जो कि तापमान बदलाव होने की वजह से ज्यादा मादा कछुए पैदा करने लगते हैं। लूसी इस बात की स्टडी साल 2007 से कर रही हैं। 

पूरी दुनिया में चल रही है ये खतरनाक प्रक्रिया 

फ्लोरिडा के मैराथॉन शहर के टर्टल हॉस्पीटल की मैनेजर बीट जर्किलबैश ने बताया की पिछले कई सालों से तापमान में वृद्धि हो रही हैं। जिसकी वजह से  हमें पिछले चार साल से सिर्फ मादा समुद्री कछुए ही मिल रहे हैं। इसी के साथ उनका यह भी कहना है, कि यह केवल यही नहीं हो रहा बल्की यह पूरी दुनिया में देखने को मिल रही है। साल 2018 में एक स्टडी सामने आई थी जिसमें कहा गया था पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में 99 फीसदी कछुए सिर्फ मादा ही हैं।   

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