दुनिया की ये है वो रहस्यमयी जगहें, जहां चुम्बक की तरह खींचा चला आता है इंसान 

अजब-गजब दुनिया की ये है वो रहस्यमयी जगहें, जहां चुम्बक की तरह खींचा चला आता है इंसान 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-12 17:56 GMT
दुनिया की ये है वो रहस्यमयी जगहें, जहां चुम्बक की तरह खींचा चला आता है इंसान 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यह दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। आज भी यहां ऐसी अजीबो-गरीब चीजें होती हैं, जिसे लोग चमत्कार समझ लेते हैं। इनमें से कुछ को वैज्ञानिक साइंस से जोड़ने में कामयाब हो जाते हैं और कुछ को नहीं। इन्हीं में से एक चमत्कारिक चीज है धरती पर कुछ जगहों में होने वाला मैग्नेटिक इफेक्ट। यह जगह कुछ ऐसी है जहां चीजे खुद-ब-खुद खींची चली आती हैं। इन जगहों को भू-चुंबकीय क्षेत्र कहा जाता है। आइये एक नजर डालते है इन चमत्कारिक जगहों पर - 

मैग्नेटिक हिल, लद्दाख

मैग्नेटिक हिल भारत के लद्दाख में लेह के पास स्थित एक ग्रेविटी हिल है। क्षेत्र और आसपास के ढलानों का लेआउट एक पहाड़ी का ऑप्टिकल भ्रम पैदा करता है। पहाड़ी सड़क वास्तव में एक ढलान वाली सड़क है। पहाड़ी सड़क पर वस्तुएं और कारें गुरुत्वाकर्षण की डिफेन्स में ऊपर की ओर लुढ़कती हुई प्रतीत हो सकती हैं, लेकिन वह उस दौरान नीचे की ओर जा रही होती हैं।

कसार देवी मंदिर, उत्तराखंड

उत्तराखंड का कुमाऊं क्षेत्र धरती के सबसे मजबूत भू-चुंबकीय ऊर्जा क्षेत्रों में से एक है। कुमाऊं क्षेत्र में स्थित कसार देवी मंदिर के आसपास का भूचुंबकीय क्षेत्र बहुत मजबूत है। यह अद्वितीय और चुंबकीय क्षेत्र भक्ति और आस्था का केंद्र भी है। कसारदेवी शक्तिपीठ उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित है।

माचू पिचू, पेरू 

माचू पिच्चू उरुबांबा नदी घाटी के ऊपर पेरू में एंडीज पर्वत में स्थित है। 15वीं शताब्दी में बसाया गया यह गढ़ दुनिया के सात अजूबों में से एक है। माचू पर्वत पर भी भू-चुंबकीय क्षेत्र काफी मजबूत है। इस पर्वत पर एक किला स्थित है और यह जगह चुंबकीय क्षेत्र है। 

स्टोनहेंज, यूके 

यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्टोनहेंज पृथ्वी पर सबसे अनोखे स्मारकों में से एक है। वैज्ञानिक इसकी प्रकृति, उत्पत्ति और उद्देश्य से संबंधित जानकारी प्राप्त करने में लगे हुए हैं। यह संरचना काफी रहस्यमयी है। सबसे खास बात यह है कि यहां जियोमैग्नेटिक फील्ड सबसे मजबूत है।

ध्रुव (Poles)

धरती पर दो ध्रुव मौजूद हैं, जिनमें उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव शामिल है। बताया जाता है कि ध्रुवों पर भू-चुंबकीय ऊर्जा मजबूत रहती है। यह ऐसी जगह है, जहां से   धरती का भू-चुंबकीय क्षेत्र सर्कुलेट होता है।

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