अजब-गजब: 66 साल पहले जापान के एयरपोर्ट पर उतरा था एक रहस्यमयी शख्स, जो अचानक हो गया था गायब
अजब-गजब: 66 साल पहले जापान के एयरपोर्ट पर उतरा था एक रहस्यमयी शख्स, जो अचानक हो गया था गायब
डिजिटल डेस्क। वैसे तो दुनिया में रहस्यमयी खबरों की कोई कमी नहीं है, पूरी दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है। पर कुछ रहस्य ऐसे भी हैं जिनको समझ पाना असंभव ही लगता है। हम आज आपको एक ऐसी ही आश्चर्यजनक कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे जानकर आप हैरान हो जाएगें। दरअसल आज से 66 साल पहले कुछ ऐसी ही रहस्यमयी घटना जापान के एक एयरपोर्ट पर घटी थी, जो आज भी एक अनसुलझी पहेली की तरह है। जापान के एक एयरपोर्ट पर एक रहस्यमयी शख्स आ गया था, जो खुद को एक ऐसे देश का नागरिक बता रहा था, जो असल में धरती पर कहीं है ही नहीं। इतना ही नहीं, एक बंद कमरे से वो अचानक गायब भी हो गया था, जिसके बाद वो कभी नहीं दिखा।
यह घटना जुलाई 1954 की है। दोपहर के 12.30 बज रहे थे। एक यूरोपीय विमान टोक्यो के हेनेडा हवाईअड्डे पर लैंड हुआ। विमान में सवार सभी यात्री नीचे उतरे और चेक आउट काउंटर की तरफ गए। वहां बैठे अधिकारी सभी यात्रियों के पासपोर्ट की जांच कर रहे थे। तभी उन्हें एक ऐसा यात्री मिला, जिसके पासपोर्ट को देख कर वो हैरान रह गए।
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यात्री के पासपोर्ट पर "टॉरेड" नाम के एक देश का नाम लिखा हुआ था। जांच कर रहे अधिकारियों ने इससे पहले कभी ऐसे किसी देश का नाम नहीं सुना था। उन्हें वो यात्री संदिग्ध लगा, इसलिए उन्होंने इसकी सूचना सुरक्षा अधिकारियों को दी, जिसके बाद उस यात्री को पूछताछ के लिए अलग कमरे में ले जाया गया। अधिकारियों ने सबसे पहले तो उससे जापान आने का कारण पूछा। इसपर उसने बताया कि वह एक कारोबारी है और बिजनेस के सिलसिले में ही यहां आया है।
सुरक्षा अधिकारियों ने उस रहस्यमय यात्री के पासपोर्ट की जांच की, जिसपर उसके देश का नाम "टॉरेड" लिखा था। उन्हें भी बड़ा आश्चर्य हुआ कि क्या सच में ऐसा कोई देश है। अधिकारियों के पूछने पर उसने बताया कि इस पासपोर्ट पर ये कोई उसकी पहली यात्रा नहीं है बल्कि वो यूरोप के कई देशों में भी जा चुका है। अधिकारियों को भी उसकी बातें सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ, क्योंकि उसके पासपोर्ट पर अन्य देशों के जो मुहर लगे थे, वो बिल्कुल असली थे। फिर भी वो इस बात को मानने को कतई तैयार नहीं थे कि जिस देश से वह यात्री आया है, असल में वो धरती पर कहीं है।
सुरक्षा अधिकारियों ने यह जानने के लिए कि "टॉरेड" आखिर धरती पर है कहां, उस यात्री को दुनिया का मैप दिखाया और पूछा कि उसका देश कहां है। इसपर उस यात्री ने "अंडोरा" नाम के देश पर ऊंगली रखते हुए कहा कि यहां उसका देश है, लेकिन उसे ये समझ नहीं आ रहा कि यहां "टॉरेड" की जगह अंडोरा क्यों लिखा हुआ है। यह सुनकर अधिकारी और भी ज्यादा हैरान हो गए कि आखिर ये शख्स खुद को एक "काल्पनिक" देश का क्यों बता रहा है, लेकिन उसके पासपोर्ट, वीजा और अन्य दस्तावेजों को देखकर लग रहा था कि वो सच बोल रहा है।
अब वो रहस्यमय यात्री सच बोल रहा है या झूठ, यह जानने का एक ही उपाय था और वो ये कि वह कारोबार के सिलसिले में किससे मिलने आया था। अधिकारियों के पूछने पर उसने उस कंपनी का नाम बताया, जहां उसे जाना था। साथ ही उस होटल के बारे में भी बताया, जहां उसे ठहरना था। इसके बाद अधिकारियों ने उस कंपनी और होटल से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने ऐसे किसी भी व्यक्ति को पहचानने से इनकार कर दिया। अब जांच अधिकारियों को लगा कि शायद ये कोई शातिर अपराधी है, जो अपनी पहचान छुपा रहा है और यहां किसी घटना को अंजाम देने के लिए आया है। इसके बाद उन्होंने उसका सारा सामान जब्त कर लिया और पुलिस की कड़ी निगरानी में उसे एक होटल के कमरे में बंद कर दिया गया।
अगले दिन जब कमरे का दरवाजा खोला गया, तो पुलिस यह देख कर चौंक गई कि कमरे में तो कोई है ही नहीं, जबकि बाहर पुलिस का पहरा था और कमरे की सभी खिड़कियों को पहले ही सील कर दिया गया था। पुलिस को यह जानकर और भी ज्यादा आश्चर्य हुआ कि एयरपोर्ट पर उसका जो पासपोर्ट, वीजा और अन्य कागजात जब्त किए गए थे, वो भी गायब थे। अब किसी को भी यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ये हुआ कैसे।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। कोई कहता है कि वो रहस्यमय शख्स दूसरी दुनिया से आया था तो कोई कहता है कि टाइम मशीन के जरिए वो गलती से यहां आ गया होगा और जब उसने देखा कि उसका राज खुलने वाला है तो वो कहीं गायब हो गया। अब यह सच है या झूठ, ये तो कोई नहीं जानता, लेकिन इस रहस्यमय घटना पर कई किताबें जरूर लिखी जा चुकी हैं, जिनमें से एक है "डायरेक्टरी ऑफ पॉसिबिलिटीज"।