Science: एस्ट्रोनॉट्स के लिए मंगल और चांद पर फंगस से घर बनाएगा NASA !

Science: एस्ट्रोनॉट्स के लिए मंगल और चांद पर फंगस से घर बनाएगा NASA !

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-17 18:18 GMT
Science: एस्ट्रोनॉट्स के लिए मंगल और चांद पर फंगस से घर बनाएगा NASA !

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। नेश्नल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) मंगल और चांद जैसे दूसरे ग्रहों पर "फ्यूचर होम" बनाने की तकनीक पर काम कर रहा है। NASA साइंटिस्ट्स का कहना है कि यदि टेस्ट कामयाब रहे, तो फंगस से घर बनाया जा सकता है। इसके लिए साइंटिस्ट दूसरे ग्रहों की मिट्टी पर मायसेलिया कवक विकसित करने की संभावना तलाश रहे हैं और कुछ हद कामयाबी भी मिली है। 

NASA का दावा है कि फन्जाई (कवक) और जमीन के नीचे पाए जाने वाले थ्रेड्स, जो फंगस बनाते हैं, की मदद से दूसरे ग्रहों पर घर बनाने की तकनीक को विकसित किया जा सकता है। इस अध्ययन को माइक्रो - आर्किटेक्चर प्रोजेक्ट के तहत अंजाम दिया जा रहा है, जिसे नासा इनोवेटिव एडवांस्ड कॉन्सेप्ट (NIAC) फंडिंग कर रही है।

सही परिस्थितियों में उगाया जा सकता है 

  • NASA का कहना है कि ये छोटे थ्रेड्स अत्यधिक परिशुद्धता के साथ जटिल संरचनाओं का निर्माण करते हैं, जो मशरूम जैसी बड़ी संरचनाओं के रूप में उभरते हैं। साइंटिस्ट्स का कहना है कि कवक की चार खासियत हैं। पहली- इनकी कांक्रीट से ज्यादा बेंड स्ट्रेंथ होती है। दूसरी- इन्हें उगाया और इनकी मरम्मत की जा सकती है। तीसरी - अच्छे इन्सुलेटर होते हैं। चौथी- अग्निरोधी भी होते हैं।
  • साइंटिस्ट्स का कहना है कि मंगल या चांद पर पहुंचने के बाद फंगस को सही परिस्थिति यानी पानी और फोटो सिंथेटिक बैक्टीरिया में विकसित किया जा सकता है। जब फंगस एक तय आकार में बढ़ जाएगी तब उसे हीट देकर मार दिया जाएगा। साइंटिस्ट ऐसे तरीकों पर भी काम कर रहे हैं, जिसमें फंगल मायसेलिया की परत अंतरिक्ष यात्रियों को रेडिएशन से बचाने के साथ बिल्डिंग के अंदर ऑक्सीजन भी प्रदान करे।
  • NASA के इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे साइंटिस्ट लिन रॉथ्सचाइल्ड ने बताया कि दूसरे ग्रहों के लिए आवास डिजाइन अभी शुरुआती दौर में हैं। इन ग्रहों पर अपने यहां से बिल्डिंग मटेरियल ले जाने में काफी एनर्जी लगेगी और लागत भी ज्यादा आएगी। इसलिए यदि यह प्रोजेक्ट कामयाब रहा तो दूसरे ग्रहों पर घर बनाने का सपना साकार हो पाएगा।

फंगस से स्टूल और ईटें बनाई गईं
रिसर्चर्स ने मायसेलियम से ईंट और स्टूल बनाने में कामयाबी हासिल की है। माइक्रो - आर्किटेक्चर प्रोजेक्ट के तहत स्टेनफोर्ड और ब्राउन यूनिवर्सिटीज की टीम ने 2018 में मायसेलियम को कुछ हफ्तों में विकसित कर एक स्टूल तैयार किया था। यह दिखने में ऐसा लगता है कि किसी ने इसे लंबे वक्त रेफ्रिरेजटर में रखकर भूल गया हो। इसके अलावा, मायसेलियम में लकड़ी का भूरा मिलाकर ईटें बनाई थीं।

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