अजब-गजब: इस जगह स्थित है ‘यम द्वार’, यहां रात में जाने वाला शख्स कभी वापस नहीं आता!
अजब-गजब: इस जगह स्थित है ‘यम द्वार’, यहां रात में जाने वाला शख्स कभी वापस नहीं आता!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसे रहस्य हैं, जिनकी गुथ्थी आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। ऐसे रहस्य जो विज्ञान के लिए भी चुनौती बने हुए हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां रात में जाने वाला शख्स कभी वापस नहीं आता है। दरअसल, ये जगह भारत के पड़ोसी देश तिब्बत में मौजूद है। ये एक स्तूप है जिसे तिब्बती लोग चोरटेन कांग नग्यी के नाम से जानते हैं। जिसका मतलब होता है दो पैर वाले स्तूप।
हिंदू मान्यता अनुसार, इस स्तूप को मृत्यु के देवता यमराज के घर का प्रवेश द्वार माना जाता है। यही वजह है लोग इसे यम द्वार" यानी "यमराज के घर का प्रवेश द्वार" कहते हैं। यम द्वार तिब्बत के गांव दारचेन से 15 किलोमीटर की दूरी पर करीब 15,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह प्रवेश द्वार कैलाश पर्वत के रास्ते में पड़ता है।
इस स्तूप के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहा जाता है कि यहां रात में रुकने वाला इंसान जीवित नहीं रह पाता। ऐसी कई घटनाएं हो भी चुकी हैं, लेकिन इसके पीछे के कारणों का खुलासा आज तक नहीं हो पाया है। साथ ही यह मंदिर नुमा द्वार किसने और कब बनाया, इसका कोई प्रमाण नहीं है। ढे़रों शोध हुए, लेकिन आज तक सच का पता नहीं चल सका।
यम द्वार पर तिब्बती लोग अपने शरीर से बाल नोंच कर अर्पित करते हैं। यहां के लोगों का मानना है बात त्यगना शरीर-त्यागने के बराबर है। वहीं बौद्ध लामा यहां आकर अपने प्राण त्यागते हैं, ताकि उन्हें मोक्ष मिल सके । उनका मानना है कि यम द्वार पर प्राण त्यागने से सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
वहीं कुछ लोग का कहना है कि यमराज के दरवाजे पर भी भूतों का बसेरा है जो राहगीरों को मार देते हैं। बता दें इस स्तूप को किसने बनवाया है इस बात की जानकारी आज तक नहीं पता चल पाई है। यहां आए दिन अनहोनी घटनाएं होती रहती है। इन घटनाओं को विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया है।