बिना हाथों की पहली महिला पायलट के जज्बे को सलाम
बिना हाथों की पहली महिला पायलट के जज्बे को सलाम
- जेसिका के नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
- बचपन से ही करती हैं हर काम पैरों से
- बिना हाथों के उड़ाती है प्लेन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिना हाथों के जैसे कोई भी काम ठीक तरीके से कर पाना हमारे लिए असंभव है। वो इसलिए क्योंकि कुछ भी काम हो हमें हाथों का इस्तेमाल तो करना ही पड़ता है। हम आज आपको ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहें हैं जिसने पैरों से हर काम को करके कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किये हैं।
जेसिका कॉक्स नाम की इस महिला ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाते हुए हर व्यक्ति के लिए एक मिसाल कायम कर दी है। जेसिका दुनिया की पहली ऐसी इकलौती महिला हैं जो पैरों से प्लेन उड़ाती है। इनके पास ऐसा लाइसेंस है जो दुनिया के पहले किसी आर्मलेस (बिना हाथ) पायलट को दिया गया है। इस कारण जेसिका का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है। जेसिका की खासियत ये है कि ये ना सिर्फ पैरों से प्लेन उड़ाती है बल्कि अन्य छोटे बड़े काम भी पैरों से करने में एक्सपर्ट है।
अमेरिका के एरिजोना में जन्मी जेसिका के हाथ बचपन से ही नहीं हैं। 14 साल तक इन्होंने नकली हाथों का इस्तेमाल किया इसके बाद इन्होंने ये भी हटवा दिए और सारे काम पैरों से करने की प्रैक्टिस शुरू कर दी। तब से लेकर आज तक अपने सभी काम पैरों से करती आ रहीं है, ना सिर्फ डेली रुटीन के काम बल्कि कार चलाना, आंखों में लेंस लगाना, गैस भरना, कंप्यूटर चलाने से लेकर वो सारे काम जो एक सामान्य आदमी कर सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी जेसिका की कंप्यूटर पर टाइपिंग स्पीड 25 वर्ड प्रति मिनट है।
जेसिका की उम्र 34 वर्ष है और उन्हें इंटरनेट सर्फिंग, स्कूबा डाइविंग, घुड़सवारी का काफी शौक है। यहां तक कि वह लिखाई भी पैरों से ही करती है।
अपने जूते के लेस भी जेसिका पैरों से ही बांधती है। जेसिका ने 22 साल की उम्र में प्लेन चलाना सीखा और इसके तीन साल के अंदर ही यानि 25 साल में ही उन्हें लाइसेंस भी मिल गया।
इनकी जब शादी हुई तो इनके मंगेतर ने रिंग भी इनके पैरों की उंगली में ही पहनाई थी
जब इनकी शादी हुई तो इनके मंगेतर ने रिंग भी इनके पैरों की उंगली में ही पहनाई थी।
अपने जूते के लेस भी जेसिका पैरों से ही बांधती है। जेसिका ने 22 साल की उम्र में प्लेन चलाना सीखा और इसके तीन साल के अंदर ही यानि 25 साल में ही इन्हें लाइसेंस भी मिल गया।
अमेरिका के एरिजोना में जन्मी जेसिका के हाथ बचपन से ही नहीं हैं। 14 साल तक इन्होंने नकली हाथों का इस्तेमाल किया इसके बाद इन्होंने ये भी हटवा दिए और सारे काम पैरों से करने की प्रैक्टिस शुरू कर दी। तब से लेकर आज तक अपने सभी काम पैरों से करती आ रहीं है, ना सिर्फ डेली रुटीन के काम बल्कि कार चलाना, आंखों में लेंस लगाना, गैस भरना, कंप्यूटर चलाने से लेकर वो सारे काम जो एक सामान्य आदमी कर सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी जेसिका की कंप्यूटर पर टाइपिंग स्पीड 25 वर्ड प्रति मिनट है। जेसिका की उम्र 34 वर्ष है और उन्हें इंटरनेट सर्फिंग, स्कूबा डाइविंग, घुड़सवारी का काफी शौक है। यहां तक कि वह लिखाई भी पैरों से ही करती है।
जेसिका कॉक्स नाम की इस महिला ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाते हुए हर व्यक्ति के लिए एक मिसाल कायम कर दी है। जेसिका दुनिया की पहली ऐसी इकलौती महिला हैं जो पैरों से प्लेन उड़ाती है। इनके पास ऐसा लाइसेंस है जो दुनिया के पहले किसी आर्मलेस (बिना हाथ) पायलट को दिया गया है। इस कारण जेसिका का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया है। जेसिका की खासियत ये है कि ये ना सिर्फ पैरों से प्लेन उड़ाती है बल्कि अन्य छोटे बड़े काम भी पैरों से करने में एक्सपर्ट है।