अजब गजब: जापान को मिली एक बड़ी सफलता, बंदर में किया सुअर की किडनी को ट्रांसप्लांट, बंदर भी है सेहतमंद, जानिए कैसे हुआ ये काम
- सात साल के बंदर में किया ढाई साल के सुअर की किडनी को ट्रांसप्लांट
- बंदर है बिल्कुल स्वस्थ हालत में
- जापान के रिसर्चर्स को मिली ऐतिहासिक सफलता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साइंस ने बड़ी ऊंचाइयों को छू लिया है। जो इंसानों के लिए सोच पाना भी एक बड़ा काम है। खासकर हेल्थ में साइंस ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया हुआ है। ऐसा ही एक जापानी स्टार्टअप पोर्मेडटेक ने सोमवार को घोषणा की थी कि उन्होंने जेनेटिकल रूप से सुअर की किडनी बंदर में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया है। ऐसा जापान में पहली बार किया है। साथ ही ये भविष्य में इंसानों में जानवरों के शरीर के अंगों के उपयोग के लिए बहुत ही मददगार साबित हो सकता है।
किसके नेतृत्व में हुआ काम?
कागोशिमा यूनिवर्सिटी के हिसाशी सहारा और क्योटो प्रीफेक्चरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के मासायोशी ओकुमी के नेतृत्व में रिसर्चर्स की टीम ने ये काम किया है। जानकारी के मुताबिक, सात साल के बंदर में ढाई साल के सुअर की किडनी को ट्रांसप्लांट किया गया है। सुअर के जीन को अच्छे से संशोधित किया था, जिससे वायरस संक्रमण और इम्यून सिस्टम का खतरा कम रहे।
ट्रांसप्लांट के बाद बंदर के हाल
रिसर्चर्स के मुताबिक, बंदर बिल्कुल स्वस्थ हालत में है। साथ ही उसकी किडनी भी बिल्कुल सही तरीके से काम कर रही है। एक रिसर्चर ने बताया है कि, 'हम जेनोट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में लगातार उन्नति कर रहे हैं साथ ही इसके व्यवहारिक इस्तेमाल के लिए एक रास्ता बनाना चाहते हैं।'
क्या है फ्यूचर प्लानिंग?
पोर्मेडटेक ने फरवरी 2024 से अब तक करीब 39 डोनर सुअरों का निर्माण किया है। ये काम यूएस आधारित बायोटेक स्टार्टअप ईजेनेसिस से आए सेल्स का इस्तेमाल करके पूरा किया गया है। आनुवंशिक रूप से तैयार किए गए भ्रूण को सरोगेट करके मादा सुअरों में ट्रांसफर करके क्लोन पिगलेट तैयार किए गए हैं। कंपनी के पास अब सिर्फ 13 आनुवंशिक रूप से संशोधित सुअर हैं। जिनका वो केविल प्राइमेट्स पर और ट्रांसप्लांट करने की योजना बना रहे हैं।