104 साल पहले हाथी को दी गई थी फांसी, आखिर क्यों लोगों के कहने पर देनी पड़ी थी हाथी को मौत की सजा
104 साल पहले हाथी को दी गई थी फांसी, आखिर क्यों लोगों के कहने पर देनी पड़ी थी हाथी को मौत की सजा
डिजिटल डेस्क। दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं होगा जहां नियम और कानून कायदे न बनाए गए हों। किसी-किसी देश का कानून तो इतना खतरनाक है कि सुनने के बाद ही रूह कांप जाती है। प्रत्येक देश में अपराधियों को सजा देने के लिए नियम-कानून बनाए गए हैं। अपराध जितना जघन्य होता है, उसके लिए सजा भी उतनी ही बड़ी होती है। किसी जघन्य अपराध के लिए इंसानों को तो फांसी देने की बात आपने सुनी होगी, लेकिन क्या कभी ऐसा सुना है कि किसी हाथी को फांसी पर लटकाया गया हो। यह सुनने में तो थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन आज से 104 साल पहले अमेरिका में कुछ ऐसा ही किया गया था। उस समय बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों ने हाथी को फांसी दिए जाने का समर्थन किया था।
यह खौफनाक या कहें आक्रामक घटना 13 सितंबर 1916 की है, जब मैरी नाम के हाथी को अमेरिका के टेनेसी राज्य में दो हजार से ज्यादा लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया था। ऐसा करने के पीछे वजह बेहद ही अजीब थी, जिसके बारे में जानकर आपको हैरानी होगी।
जब मैरी को आया गुस्सा-
टेनेसी में चार्ली स्पार्क नाम का एक व्यक्ति "स्पार्क्स वर्ल्ड फेमस शो" नाम का एक सर्कस चलाता था। उस सर्कस में हाथी के अलावा और भी कई जानवर थे, जिसमें मैरी नाम का एक एशियाई हाथी भी था। जो उस सर्कस का मुख्य आकर्षण था। मैरी हाथी का वजन लगभग पांच टन था। कहा जाता है कि, एक दिन मैरी के महावत ने किसी कारण से सर्कस छोड़ दिया था, जिसके बाद उसकी जगह पर किसी दूसरे महावत को रख लिया गया।
चूंकि नए महावत को मैरी के बारे में कुछ ज्यादा समझ नहीं थी और ना ही मैरी ने उस महावत के साथ ज्यादा समय बिताया था। जिसकी वजह से वह अपना तालमेल मैरी के साथ नहीं बैठा पा रहा था। इस कारण से हाथी को वश में करने में नए महावत को काफी परेशानी हो रही थी। लेकिन इसी बीच एक दिन शहर के बीचों-बीच परेड निकाली गई। इस परेड में मैरी समेत सर्कस के सभी जानवर शामिल हुए। जिनके साथ सर्कस के सभी कलाकार चल रहे थे। इस दौरान मैरी को रास्ते में खाने की कुछ चीजें दिखीं, जिसके लिए वह तेजी से आगे बढ़ने लगा। चलती परेड में नए महावत ने हाथी को रोकने की पुरजोर कोशिश की लेकिन मैरी हाथी नहीं रूका।
महावत को बेरहमी से कुचल दिया था-
इस दौरान हाथी पर सवार महावत ने उसके कान के पीछे गर्दन पर भाला घोंप दिया, जिससे हाथी गुस्से में आ गया और उसने महावत को नीचे गिरा दिया। उसके बाद हाथी ने अपने पैरों से उसे कुचल दिया। जिससे महावत की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना देख लोगों की भीड़ इधर-उधर भागने लगी। इस घटना से दुखी कुछ लोगों ने हाथी को मारने के नारे लगाते हुए सड़कों पर हंगामा शुरू कर दिया था। पर उस समय यह मामला जैसे-तैसे शांत हो गया था। लेकिन शहर के ज्यादातर लोग और सर्कस कंपनी के मालिक चार्ली स्पार्क भी लोगों के साथ हाथी को मृत्युदंड देने की मांग करने लगे। इस घटना के अगले ही दिन अमेरिका के अखबारों ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को खासतौर पर जगह दी। जिसके बाद यह खबर तेजी से पूरे शहर में फैल गई।
इसके साथ ही शहर के लोग सर्कस के मालिक चार्ली स्पार्क से हाथी को जान से मारने की सजा की मांग करने लगे। अपनी इस मांग के साथ ही उन्होंने धमकी भी दी कि अगर उनकी बातों को नहीं माना गया तो वो शहर में फिर कभी सर्कस नहीं होने देंगें। लोगों ने हाथी को मारने के लिए अपने-अपने मत दिए। किसी ने ट्रेन से कुचलवा कर मारने को कहा तो कईयों ने करंट के जरिए हाथी को मारने की बात कही।
आखिरकार लोगों की जिद के सामने सरकार को घुटने टेकने पड़े और हाथी को मौत की सजा सुनाई। आखिरकार 13 सितंबर 1916 को 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन मंगवाई और हाथी को हजारों लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया। इस घटना को इतिहास में जानवरों के प्रति इंसान की क्रूर घटना का सबसे बड़ा उदाहरण माना जाता है।