बैंड-बाजे के साथ डीएम ऑफिस पहुंचे 50 युवा, डिमांड जानकर हंसी नहीं रोक पाएंगे आप
अजब-गजब बैंड-बाजे के साथ डीएम ऑफिस पहुंचे 50 युवा, डिमांड जानकर हंसी नहीं रोक पाएंगे आप
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के सोलापुर में कुछ युवकों ने लिंग अनुपात को लेकर बड़े अजीबो-गरीब तरीके से प्रदर्शन किया। यहां 50 युवक दूल्हे के भेष में बैंड, बाजा और बारात के साथ डीएम दफ्तर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डीएम के सामने शादी कराने की मांग रखी। उनका कहना है कि शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल रही हैं, इसलिए वह निराश हैं।
युवकों ने कहा कि वे शादी के लिए लड़कियां ढूंढ रहे हैं, लेकिन प्रदेश में लड़कियों की संख्या घट रही है और इस वजह से लड़कों की शादी नहीं हो रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार उनकी शादी के लिए लड़की ढूंढे। इसके लिए विरोध कर रहे युवकों ने एक ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा।
सभी युवकों ने पत्र देकर अविवाहित लड़कों के लिए दुल्हन तलाशने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे युवकों का कहना है कि उन्हें शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल रही हैं। इसलिए सरकार और प्रशासन शादी के लिए लड़की ढूंडने में उनकी मदद करे।
#WATCH | Maharashtra: About 50 bachelors, wearing "sehras" (wedding crowns), took out a procession with drums and horses to the Collector"s office in Solapur, demanding implementation of the Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques (PCPNDT) Act (22.12) pic.twitter.com/Q4rHNZdr9A
— ANI (@ANI) December 23, 2022
ज्ञापन में उठाया लिंग अनुपात का मुद्दा
प्रदर्शन के दौरान युवकों ने कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में महिला-पुरुष के असुंतलित लिंग अनुपात का मुद्दा भी उठाया। उनकी मांग है कि महाराष्ट्र में पुरुष-महिला अनुपात में सुधार के लिए प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स एक्ट (पीसीपीएनडीटी एक्ट) को सख्ती के साथ लागू किया जाए। इस प्रदर्शन की अगुवाई ज्योति क्रांति परिषद ने की। इस दौरान संस्था के संस्थापक रमेश बारस्कर ने कहा कि कुछ लोग इस प्रदर्शन का मजाक उड़ा रहे हैं लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या कम होने के कारण लड़कों को शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल रही हैं। उन्होंने लड़कों और लड़कियों के बीच इस अंतर के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सरकार कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में विफल रही है। बता दें कि महाराष्ट्र में लिंगानुपात प्रति 1,000 लड़कों पर 889 लड़कियों का है।