- Home
- /
- टेक्नोलॉजी
- /
- भारत आईओटी मैलवेयर पैदा करने वाले...
भारत आईओटी मैलवेयर पैदा करने वाले शीर्ष तीन देशों में शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत 2022 में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) मैलवेयर संक्रमण पैदा करने वाले शीर्ष 3 देशों में शामिल हो गया है। माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई।
आईओटी डिवाइस देश में उन संगठनों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य प्रदान करते हैं, जो कार्यस्थलों को आधुनिक बनाना चाहते हैं, अधिक डेटा-संचालित बनते हैं और दूरस्थ प्रबंधन व स्वचालन प्रणाली जैसे बदलावों के जरिए कम कर्मचारियों से काम चलाने की सुविधा देते हैं।
टेक दिग्गज कंपनी ने कहा, साइबर खतरे का परिदृश्य वास्तविक है और सुरक्षा समय की जरूरत है। माइक्रोसॉफ्ट का उद्देश्य घटना के उत्तरदाताओं और सुरक्षा विशेषज्ञों को उनके वातावरण को बेहतर ढंग से समझने और संभावित घटनाओं को रोकने में मदद करना है।
इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (आईडीसी) का अनुमान है कि 2025 तक 41.6 अरब कनेक्टेड आईओटी डिवाइस होंगे, जिनका पारंपरिक आईटी उपकरणों की तुलना में वृद्धिदर अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आईटी, ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी (ओटी) और आईओटी में बढ़ती कनेक्टिविटी के साथ संगठनों और व्यक्तियों को साइबर जोखिम प्रभाव और परिणामों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।
माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले कुछ वर्षो में कई संगठनों द्वारा अपनाए गए इंटर-कनेक्टिविटी द्वारा संचालित पारंपरिक आईटी उपकरण, ओटी नियंत्रकों और राउटर और कैमरों जैसे आईओटी उपकरणों से खतरा बढ़ते देखा है।
इसने ग्राहक ओटी नेटवर्क में सबसे आम औद्योगिक नियंत्रकों के 75 प्रतिशत में अप्रकाशित, उच्च-गंभीरता के अभाव की पहचान की।
कंपनी के कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष वासु जक्कल ने कहा, ये ऊर्जा, परिवहन और अन्य अवसंरचनाओं को रेखांकित करने वाली ओटी प्रणालियां आईटी प्रणालियों से जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि व्यवसायों और उद्योगों के बुनियादी ढांचे के संचालक रक्षात्मक प्रणालियों पर कुल दृश्यता प्राप्त कर रहे हैं और बढ़ते जोखिमों और निर्भरता में कमी ला रहे हैं। सच तो यह है कि परिष्कृत मैलवेयर, लक्षित हमलों और दुर्भावनापूर्ण आधुनिक खतरों को पारंपरिक सुरक्षा उपायों से टालना कठिन है।
माइक्रोसॉफ्ट ने इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से दिखाई देने वाले 10 लाख से अधिक कनेक्टेड उपकरणों का भी अवलोकन किया, जो एक पुराना और असमर्थित सॉफ्टवेयर है, जिसका अभी भी आईओटी उपकरणों और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट (एसडीके) में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   14 Dec 2022 8:00 PM IST