हिंगलाज माता मंदिर में नवरात्र पर स्थापित होते हैं हजारों ज्योति कलश

Thousands of Jyoti Kalash are installed in Hinglaj Mata Temple on Navratri
हिंगलाज माता मंदिर में नवरात्र पर स्थापित होते हैं हजारों ज्योति कलश
नवरात्र पर्व विशेष हिंगलाज माता मंदिर में नवरात्र पर स्थापित होते हैं हजारों ज्योति कलश

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/परासिया। कोयलांचल में परासिया ब्लाक अंतर्गत मां हिंगलाज देवी का ऐसा मंदिर है, जहां राजस्थान से काठियावाड़ी समुदाय अपने साथ पिंड स्वरूप प्रतिमा लेकर आया था। यहां पहले से मौजूद वैसा ही एक पिंड देखकर उसके पास उसे स्थापित कर पूजन शुरू कर दिया। जिससे यहां एक ही देवी की दो-दो पिंड स्वरूप प्रतिमाओं का पूजन होता है। कोयलांचल में भक्तों की आस्था का यह प्रमुख केन्द्र है। जहां शारदेय नवरात्र पर हर दिन 10 हजार से अधिक भक्तजन पहुंचते हैं। इस दौरान हजारों ज्योति कलश भी स्थापित किए जाते हैं।

मंदिर समिति अध्यक्ष अरुण शर्मा बताते हैं कि गुजरात के काठियावाड़ के लोग राजस्थान की खदान में मजदूरी करने गए थे। ठेका अनुबंध में उनका पंजीयन होता था। वे जहां भी जाते थे, पिंडस्वरूप मां हिंगलाज देवी की प्रतिमा अपने साथ लेकर जाते थे। जब ये कोयलांचल आए, तो उस प्रतिमा को अपने साथ लाए और कोयला खदान के समीप उसी प्रतिमा स्वरूप एक अन्य पिंड देखकर, वहीं उसे स्थापित कर उसका पूजन शुरू कर दिया। यहां मप्र के विभिन्न जिलों सहित महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजन करने पहुंचते हैं।

115 साल से हो रहा पूजन 

अंबाड़ा पंचायत के समीप मां हिंगलाज देवी का पूजन 115 वर्षों से लगातार जारी है। यहां वर्ष 1907 में पिंड स्वरूप देवी मां की प्रतिमा निकली थी। जो काठियावाड़ से आए एक भक्त द्वारा लाए गए पिंड की तरह थी। दोनों पिंड स्वरूप देवी प्रतिमाओं को समीप के एक पेेड़ के पास रखकर पूजन करने का सिलसिला शुरू हुआ। पहले यहां छोटा मंदिर बना, फिर वर्ष 1984 में विशाल मंदिर निर्माण हुआ। मौजूदा मंदिर परिसर लगभग 5 एकड़ में फैला है। मंदिर समिति के अध्यक्ष पदेन कोयला खदान प्रबंधक रहते हैं। समिति में शामिल सदस्य और श्रमिक नेता नारायण राव सराठकर और भगवान दीन यादव बताते हैं कि शारदेय और चैत्र नवरात्र में यहां विशेष पूजन आराधना होती है।

ऐसे पहुंचे मंदिर 

छिंदवाड़ा- सारनी मार्ग पर परासिया से 12 किमी दूर पश्चिम दिशा में और जुन्नारदेव से 14 किमी दूर पूर्व दिशा में मां हिंगलाज देवी मंदिर स्थापित है। यह मंदिर अंबाड़ा-उमरेठ मार्ग पर है, जिसकी दूरी अंबाड़ा बेरियर से 2 किमी दूर दक्षिण दिशा में और उमरेठ से 8 किमी दूर उत्तर दिशा में है। यहां अंबाड़ा तक सवारी वाहनों तक पहुंचा जा सकता है।

Created On :   26 Sept 2022 1:41 PM IST

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